नवरात्रि : समय कम है तो ऐसे करें दुर्गा पाठ, मिलेगा संपूर्ण दुर्गा सप्तशती का लाभ

Daily Samvad
5 Min Read

नवरात्रि में संपूर्ण दुर्गा सप्तशती के पाठ के बराबर ही पुण्य प्राप्त कर सकते हैं

जालंधऱ। कई बार समय की कमी से हम संपूर्ण दुर्गा सप्तशती का पाठ चाहते हुए भी नहीं कर पाते। प्रतिदिन की व्यस्तता, नौकरी, कारोबार आदि कई कारण हो सकते हैं। श्री दुर्गा सप्तशती में कई ऐसे श्लोक और पाठ हैं, जिनके करने से आपको संपूर्ण दुर्गा सप्तशती के समान ही लाभ प्राप्त होता है। ये पाठ संक्षिप्त हैं और श्लोक भी। हम यहां आपको कुछ उपाय बता रहे हैं, जिनमें से कोई एक उपाय, मंत्र, श्लोक और अध्याय करने मात्र से आप नवरात्रि में संपूर्ण दुर्गा सप्तशती के पाठ के बराबर ही पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।

ये हैं वे मंत्र, जिसे जाप करें

1. सप्त श्लोकी दुर्गा- बहुत ही संक्षिप्त पाठ है। इसमें सात श्लोक हैं। आप यह कर सकते हैं।

2. सिद्ध कुंजिका स्तोत्र- इसको संपूर्ण दुर्गा सप्तशती कहा गया है। इसी में ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे का संपूर्ण मंत्र है। यदि किसी कारण से संपूर्ण सिद्ध कुंजिका स्तोत्र भी आप नहीं कर पाते हैं तो आप ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ओम ग्लौं हुं क्लीं जूं स: ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा पढ़ सकते हैं। इसको सात बार करने से संपूर्ण दुर्गा सप्तशती का लाभ मिल सकता है। इसमें महामृत्युंजय मंत्र का बीज मंत्र भी है। इसलिए महादेवी और महादेव दोनों की ही आराधना हो जाती है। यह सिद्ध कुंजिका स्तोत्र करने वाले को कभी भी रोग, दुख भय आदि नहीं होता।

3. यदि आप काली जी के भक्त हैं तो आप ये करें : धां धीं धूं धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी। क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु। मंत्र का सात बार जप करें।

4. संतान प्राप्ति के लिए : पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा। सां सीं सूं सप्तशती देव्या मंत्र सिद्धिं कुरुष्व मे। का पांच बार नियमित रूप से सवेरे जप करें। जल को इस मंत्र से अभिसिंचित करके पी जाएं। देवी भगवती आपके मनोरथ पूर्ण करेगी।

CT और Aryan ग्रुप की रद्द हो सकती है मान्यता, दर्ज हो सकता है देशद्रोह का मामला

5. देवी सूक्तम :  इसमें देवी भगवती की कई रूपों में आराधना है। समय कम है तो अकेले इस सूक्तम पाठ से भी संपूर्ण दुर्गा सप्तशती का लाभ प्राप्त हो सकता है।

6. दुर्गाद्वात्रिंशन्नाममाला : सभी प्रकार के कष्टों का हरण करने वाला, सभी सिद्धियां देने वाला और हर मनोरथ पूर्ण करने वाला यह पाठ है। एक बार ब्रह्मा सहित सभी देवों ने देवी की स्तुति की और कहा कि हम कष्टों से कैसे मुक्त हो सकते हैं। कोई ऐसा उपाय बताइये जिसके करने से महिषासुर जैसे असुर हमको तंग न करें। तब देवी ने ये मंत्र प्रदान किए। इस छोटे से पाठ को तीन बार करने से सारे मनोरथ पूर्ण होते हैं।

7. समस्त ग्रहों की शांति देवी जी के मंत्र के साथ : सर्वाबाधाप्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरी। एवमेव त्वया कार्यमस्मद्वैरिविनाशनम्। यह सर्व ग्रह शांति का मंत्र है। मान लीजिए, आप पर शनि की महादशा चल रही है तो आप पहले शनि मंत्र लगाएं ऊं शं शनिश्चरायै नम: ऊं सर्वाबाधा प्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरी। एवमेव त्वया कार्यमस्मद्वैरिविनाशनम्।

8. ऊं सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके, शरणे त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तु ते…। यह प्रसिद्ध मंत्र है। इसको चौदह बार पढ़े। सारे मनोरथ पूर्ण होंगे।

9. संपूर्ण दुर्गा सप्तशती का लाभ लेने के लिए देवी कवच, अर्गला स्तोत्र और कीलक मंत्र पढ़ें। लेकिन अंत में देवी सूक्तम अवश्य करें।

समय कम हो तो ये अध्याय करें : श्री दुर्गा सप्तशती में तेरह अध्याय हैं। यदि संपूर्ण पाठ नहीं कर सकें तो पांचवा, सातवां, आठवां और ग्यारह में से किसी एक का पाठ कर सकते हैं।

MLA रिंकू का बड़ा आरोप- नगर निगम जालंधर का पूरा सिस्टम फेल, अफसर करप्ट औऱ बेलगाम, कौंसलर बेचारे एक ढक्कन के लिए तरस रहे हैं, देखें VIDEO

https://youtu.be/NowGYo8J-Z4




728

728
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

news website development in jalandhar