डेली संवाद, जालंधर
शिक्षा के क्षेत्र में अपना बहुमूल्य योगदान देने वाली स्व. श्रीमती कविता चोपड़ा (प्रेजिडेंट चोपड़ा एजुकेशनल सोसाइटी, सैक्रेड हार्ट स्कूल, शिशु मॉडल स्कूल, सेंट सोल्जर सीनियर सेकेंडरी स्कूल एसयूएस नगर) जो कि 14 अक्टूबर 2018 को इस नश्वर संसार को अलविदा कह गई थी। उनकी आत्मिक शांति हेतु श्री गरुड़ पुराण पाठ का भोग एवं रस्म किरया श्री देवी तालाब मंदिर जालंधर में करवाई गई।
जिसमें उनके परिवार पति सुनील चोपड़ा, जेठ अनिल चोपड़ा (चेयरमैन सेंट सोल्जर ग्रुप), बेटा प्रशांत चोपड़ा, बहु आकृति चोपड़ा, बेटी मेघा खन्ना, दामाद राघव खन्ना, जेठानी संगीता चोपड़ा, भतीजे राजन चोपड़ा, प्रिंस चोपड़ा, भतीज बहु ऋतू चोपड़ा, प्रीतिका चोपड़ा, चारों ननद नीलम कत्याल, मीना मल्हौत्रा, सुषमा हांडा, सिम्मी पाशांन, पोती आइना चोपड़ा, पोता रिद्वान चोपड़ा, नातिन परिसा खन्ना से दुःख व्यक्त किया।
स्व. कविता चोपड़ा को श्रद्धांजलि देने पहुंचे शहर के लोग
इसके साथ ही दुख व्यक्त करने के लिए और स्व. कविता चोपड़ा को श्रद्धांजलि देने शहर के विभिन्न सामजिक, राजनीतिक और शिक्षा के क्षेत्र से जुडी शख़्सियतें और प्रेजिडेंट सभी संस्थाओं के डायरेक्टर्स, प्रिंसिपल और स्टाफ मेंबर्स भारी संख्या में पहुँचे। इस अवसर पर श्री गरुड़ पुराण पाठ के बाद अमृत बाणी करते हुए बिछड़ी आत्मा की शांति और उनके स्वर्ग में वास् के लिए कामना की गई।
इस अवसर पर दैनिक सवेरा के मुख्य संपादक और उद्योगपति शीतल विज, डीसी वरिंदर कुमार शर्मा, पूर्व मेयर सुरिंदर महे, सांसद संतोख चौधरी, मेयर जगदीश राजा, विधायक पवन टीनू, राजिंदर बेरी, परगट सिंह, इक़बाल सिंह, लवली यूनिवर्सिटी से अमन मित्तल, पूर्व मेयर जय किशन सैनी, के.डी भंडारी, ललित मित्तल, तजिंदर बिट्टू, एच.एस वालिया, तरसेम कपूर, मेजर सिंह, अमरजीत सिंह समरा, कुलदीप सिंह ओबराय, आई.टी.ओ अशोक मल्होत्रा पहुंचे।
मंदिर कमेटी से वरिंदर मल्होत्रा, डॉ.सतपाल गुप्ता, विनय लूथर, महिंदर भगत, आत्मप्रकाश सिंह बब्बलू, के.के शर्मा, विनोद घई, जोधराज गुप्ता, संजीव मरिया, विपिन शर्मा, राजेश मेयर, धरमिंदर भरबाकर, सतीश जैन, अस्वनी खोसला, संजीव चोपड़ा, आशु सांपला, सेवा सिंह सैनी, तलविंदर राजू, अमरजीत सिंह अमरी, शिव दयाल चुघ, पंडित विपिन शर्मा, हरिपाल सोनी, रजनीश अरोड़ा आदि ने स्व. श्रीमती कविता चोपड़ा को श्रद्धाजलि दी।
सभी ने उनको शिक्षा का सत्म बताते हुए जन जन तक शिक्षा का प्रसार करने और शिक्षा के प्रति अपनी पूरी जिंदगी समर्पण करने की भावना को सलाम किया।सिर्फ शिक्षा ही नहीं श्रीमती कविता चोपड़ा ने अपनी सामाजिक और पारिवारिक जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभाया जिससे आज भी समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान है।
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