नई दिल्ली। 6 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रहे हैं, जो 14 अप्रैल तक चलेंगे. पूरे साल में चार बार नवरात्र आते हैं. चैत्र नवरात्रि से ज्यादा महत्व शारदीय नवरात्रि का होता है, जो सितंबर से अक्टूबर के दौरान आते हैं. हिंदू मान्यता के अनुसार चैत्र और शारदीय नवरात्र को ही महत्वपूर्ण माना गया है. चैत्र नवरात्रि को वासंतिक नवरात्र भी कहा जाता है।
6 अप्रैल से नौ दिनों तक पूरे विधि-विधान से दुर्गा मां के नौ रूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी. चैत्र नवरात्रि के आखिरी दिन 14 अप्रैल को राम नवमी मनाई जाएगी।
बता दें, चैत्र नवरात्रि साल में आने वाले सबसे पहले नवरात्र होते हैं. इस नवरात्र से ही हिंदू नववर्ष का आरंभ माना जाता है. इसके साथ रामायण के अनुसार माना जाता है कि भगवान राम ने चैत्र के महीने में देवी दुर्गा की उपासना कर रावण का वध कर विजय प्राप्त की थी।
चैत्र नवरात्रि हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बहुत लोकप्रिय है. महाराष्ट्र राज्य में इस दिन से ‘गुड़ी पड़वा’ शुरू हो जाती है, जबकि आंध्र प्रदेश जैसे दक्षिणी राज्यों में, इस दिन से ‘उगादी’ उत्सव से शुरू होता है।
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