पंजाब के समृद्ध किसानों से छिन सकती है मुफ्त बिजली की सुविधा, जाने वजह

Daily Samvad
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चंडीगढ़। हाई कोर्ट ने सोमवार को पंजाब और हरियाणा में समृद्ध किसानों को कृषि हेतु ट्यूबवेल के लिए मुफ्त या सब्सिडी युक्त बिजली मुहैया कराए जाने पर सवाल उठाया है। मुख्य न्यायाधीश कृष्ण मुरारी ने सुनवाई के दौरान पूछा कि पैसेवालों के ट्यूबवेलों के लिए मुफ्त बिजली क्यों दी जाए?

वह दो राज्यों वाले तर्क से सहमत नहीं हुए कि धनी उपभोक्ताओं को स्वेच्छा से सब्सिडी छोड़ने के लिए कहा जा रहा है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘सब्सिडी जरूरतमंद लोगों के लिए है न कि संपन्न लोगों के लिए।’ उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि तकरीबन 7000 करोड़ रुपये कुल सब्सिडी राशि है। यही नहीं, मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा, ‘इस तरह की सब्सिडी का बोझ करदाताओं को उठाना पड़ता है।’

पीठ की टिप्पणियों का अवलोकन करते हुए हरियाणा और पंजाब के अधिकारियों ने मामले में पुनर्विचार करने के साथ ही समृद्ध लोगों को सब्सिडीयुक्त बिजली देने के मसले पर उचित हलफनामा दायर के लिए स्थगन की मांग की। अब मामले की सुनवाई 6 अगस्त को होगी। बता दें कि अधिवक्ता एचसी अरोड़ा ने जनहित याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने यह टिप्पणी की है।

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