कबीर सिंह : प्यार और बर्बादी की खूबसूरत कहानी में दमदार हैं शाहिद कपूर

Daily Samvad
5 Min Read

मुंबई। सुना था जब दो प्रेमी मिलते हैं तो आसमां में जश्न मनाया जाता है, लेकिन जब दो प्रेमी जुदा होते हैं तब क्या होता है? मैं बताती हूं क्या होता है लड़की आधी फिल्म के लिए गायब हो जाती है और लड़का तबाही के रास्ते पर चल पड़ता है. लोगों की लाख मिन्नतों के बाद भी नहीं सुधरता और फिर कुछ ऐसा होता है कि आप अपना सिर पकड़कर बैठ जाते हो।

फिल्म कबीर सिंह की बात करें तो ये बुरी नहीं है लेकिन अर्जुन रेड्डी का पूरा का पूरा रिप ऑफ है. मतलब डायलॉग भी सेम है बॉस. ये कहानी है कबीर राजवीर सिंह की है, जो आईआईएम से पढ़ाई कर रहा है और वहां का टॉपर स्टूडेंट है. कबीर पढ़ाई में बहुत अच्छा है, हर फील्ड में टॉप करता है, यहां तक कि कॉलेज के फुटबॉल टीम का कप्तान भी है. लेकिन कबीर की सिर्फ एक ही दिक्कत है, उसे गुस्सा बहुत आता है. जब मैंने बोला बहुत, मतलब बहुत ज्यादा. इतना ज्यादा कि वो किसी की जान ले सकता है।

फिर एक दिन कबीर की जिंदगी में आती है प्रीति, जो कॉलेज के फर्स्ट ईयर स्टूडेंट्स में से एक है. प्रीति की सादगी देखकर कबीर को उससे प्यार हो जाता है, लेकिन बाद में ये दोनों जुदा हो जाते हैं और फिर शुरू होता है कबीर का बर्बादी के रास्ते पर चलने का किस्सा. अब कबीर दिन रात शराब पीता है, गांजे से लेकर कोकीन तक सबकुछ करता है और हॉस्पिटल में बतौर सर्जन काम कर रहा है. प्रीति उसके दिमाग से जाती नहीं. किसी और के बारे में सोचना उसकी फितरत नहीं है।

कलाकारों की एक्टिंग

परफॉर्मेंस की बात करें तो शाहिद कपूर, कबीर सिंह के किरदार में जबरदस्त हैं. एक जिद्दी, अड़ियल लड़का, जो हमेशा गुस्से में रहता है. ऐसा किरदार निभाना कोई आसान काम नहीं है. एक शराबी का रोल निभाना उससे भी मुश्किल है और शाहिद ने ये काम बहुत ही सरलता से किया है. प्रीति के रोल में कियारा आडवाणी अच्छी हैं. उन्होंने प्रीति के किरदार को अच्छे से निभाया है और उसकी सादगी को बरकरार रखा है।

कुछ सीन्स में कियारा आपको चौंका भी देती हैं और आप उनके काम की दाद देते हैं. सपोर्टिंग रोल में कबीर के पिता बने एक्टर सुरेश ओबेरॉय, उसके भाई के रोल में अर्जन बाजवा, कॉलेज के डीन में रोल में आदिल हुसैन और बाकी एक्टर्स ने भी बढ़िया काम किया है।

लेकिन एक इंसान जिसके लिए आपके दिल मे जगह बन जाएगी वो है कबीर के दोस्त शिवा के रोल में एक्टर सोहम मजूमदार! सोहम ने कमाल का काम किया है. मतलब इंसान को जिंदगी में दोस्त मिले तो शिवा जैसा मिले वरना ना मिले. कबीर के साथ पढ़ने करने से लेकर उसकी जिंदगी बचाने और बसाने की कोशिश तक शिवा वो सबकुछ करता है जो एक अच्छा दोस्त आपके लिए कर सके, बल्कि उससे भी और बहुत ज्यादा कुछ।

शाहिद कपूर और कियारा आडवाणी की केमिस्ट्री बढ़िया है. उनका प्यार, उनका एक दूसरे को लेकर जुनून और पागलपन आपके सीने में उतर जाता है. इस फिल्म से एक बात तो पक्की है कि शाहिद कपूर की ये परफॉर्मेंस आप आगे आने वाले कई सालों तक याद रखने वाले हैं।

कैसा है डायरेक्शन

डायरेक्टर संदीप वांगा ने इस फिल्म को अर्जुन रेड्डी के जैसा सीन टू सीन कॉपी बनाया है, जिससे मुझे दिक्कत है. अगर वो कबीर सिंह को अर्जुन रेड्डी की कॉपी के बजाए कुछ अलग तरह से बनाते तो शायद ये और अच्छी होती. हालांकि उनका निर्देशन अच्छा है और उन्होंने इस फ़िल्म को बढ़िया तरीके से बनाया है. हां ये फिल्म थोड़ी छोटी जरूर हो सकती थी, क्योंकि इसके अंत तक पहुंचते हुए आप इसके जल्द खत्म होने का इंतजार जरूर करने लगते हैं।

फ़िल्म का म्यूजिक कमाल है! म्यूजिक को बॉलीवुड के बढ़िया कंपोजर्स की टीम- मिथुन, अमाल मलिक, विशाल मिश्रा, सचेत-परंपरा और अखिल सचदेव ने बनाया है. इसका एक-एक गाना आपके दिल मे उतरकर आपको बहुत कुछ महसूस करवाता है. बेख्याली पहले से ही लोगों का फेवरेट बन गया है और आप फिल्म में इसे सुनने के बाद इसे अगले दिन तक गुनगुनाएंगे।

हिन्दी न्यूज़ Updates पाने के लिए आप हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।




728

728
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

news website development in jalandhar