स्वास्थ्य मंत्री द्वारा कायाकल्प स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत पुरुस्कारों का वितरण
डेली संवाद, चंडीगढ़
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू द्वारा आज यहाँ अहम समागम के दौरान सरकारी अस्पतालों को बेहतरीन मैडीकल सेवा के बदले साल 2018-19 के लिए राज्य स्तरीय कायाकल्प स्वच्छ भारत अभियान पुरुस्कार बाँटे गए। बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि इन पुरुस्कारों का मकसद सर्वोत्तम मैडीकल सेवाओं को मैडीकल क्षेत्र का अटूट अंग बनाना है।
उन्होंने बताया कि यह पुरुस्कार सरकारी अस्पतालों में साफ़-सफ़ाई, स्वच्छता, कूूड़े का उपयुक्त प्रबंधन, सहायक सेवाओं और अन्य शानदार सेवाओं जैसे मापदण्डों के आधार पर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने सरबत सेहत बीमा योजना का आग़ाज़ करके राज्य के निवासियों के बढिय़ा स्वास्थ्य के लिए वादा निभाया है।
उन्होंने बताया कि सरबत सेहत बीमा योजना के अधीन पंजाब की लगभग 80 प्रतिशत आबादी को लाया गया है, इस तरह राज्य के 46 लाख परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा। इस स्कीम के अधीन 1396 तरह की बीमारियों को कवर करके प्रति परिवार पाँच लाख सालाना नकदी रहित और मुफ़्त इलाज की सुविधा दी गई है। यह सुविधा सरकारी और सूचीबद्ध प्राईवेट अस्पतालों से मिल रही है।
मीडिया के साथ बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में माहिर डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए सरकार द्वारा 81 माहिर डॉक्टर भर्ती किये जा चुके हैं। हरियाणा की तजऱ् पर पंजाब सरकार जल्द ही 58 से 62 साल तक के माहिर डॉक्टरों की फिर से सेवाएं लिया करेगी जिससे अधिक से अधिक मरीज़ों को माहिरों की सेवाएं मिल सकें। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अभी अभी 118 आयुर्वैदिक मैडीकल अफ़सर लगाए गए हैं जिससे आयुर्वैदिक सेवाओं को बढ़ावा मिल सके और अब सरकारी आयुर्वैदिक अस्पतालों को अपग्रेड करने की तरफ सरकार कदम बढ़ा रही है।
जि़ला अस्पताल पठानकोट को मिला पहला इनाम
मीडिया के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार ने पीसीएमएस डॉक्टरों के पोस्ट ग्रेजुएशन पाठ्यक्रमों में दाखि़ले की योग्यता शर्तों में ढील दी है। पहले पीसीएमएस डॉक्टर, जो पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में चार साल की सेवाएं निभा लेते थे और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में 6 साल की सेवाएं पूरी कर लेते थे, उनको 30 प्रतिशत अतिरिक्त नंबर मिलते थे और पीजी पाठ्यक्रम के लिए योग्य होते थे। अब ग्रामीण सेवाओं के मामलों में योग्यता शर्त 4 और 6 साल से घटाकर क्रमवार 2 और 3 साल कर दी है जिससे पीसीएमएस डॉक्टर अपनी डिग्री जल्दी कर सकें और लम्बे समय तक स्वास्थ्य विभाग में सेवाएं निभा सकें।
इस दौरान जि़ला अस्पतालों की श्रेणी में जि़ला अस्पताल पठानकोट को पहला इनाम (25 लाख रुपए), माता कौशल्या देवी अस्पताल पटियाला को दूसरा इनाम (15 लाख) और जि़ला अस्पताल मानसा को तीसरा इनाम (10 लाख रुपए) मिला। इसके अलावा उप जि़ला श्रेणी में सब डिवीजऩ अस्पताल गिद्दड़बाहा (श्री मुक्तसर साहिब) को पहला इनाम और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की श्रेणी में सीएचसी शंकर (जालंधर) को पहला इनाम मिला।
डीएमसी कपूरथला डॉक्टर सारिका दुग्गल को सर्वोत्तम सेवाओं के बदले पुरुस्कार
इसके अलावा चार सरकारी अस्पतालों को नेशनल ऐकरीडेशन ऑफ नेशनल क्वालिटी एशोरैंस स्टैंडर्ड 2018 सर्टिफिकेट के साथ नवाज़ा गया। इन अस्पतालों ने 3 से 4 साल की कड़ी मेहनत स्वरूप स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मापदण्डों पर खरा उतरकर प्राईवेट अस्पतालों के मुकाबले अच्छी कारगुज़ारी दिखाई है। इन चार अस्पतालों में उप जि़ला अस्पताल दसूहा, सब डिवीजऩ अस्पताल मुकेरियाँ, सीएचसी गोन्याना (बठिंडा) और अरबन प्राइमरी हैल्थ सैंटर बिशन सिंह नगर (पटियाला) शामिल हैं।
इनके अलावा डीएमसी कपूरथला डॉक्टर सारिका दुग्गल को सर्वोत्तम सेवाओं के बदले पुरुस्कार, पूर्व सिविल सर्जन लुधियाना डॉक्टर परविन्दर सिंह सिद्धू और पूर्व सिविल सर्जन पटियाला डा. मनजीत सिंह को अच्छी सेवाएं देने वाले सिविल सर्जनों की श्रेणी में पुरुस्कारों के साथ नवाज़ा गया। इसके अलावा एसएमओज़, असिस्टेंट हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर, इंंटरनल असैसर्ज़ और अन्य अस्पतालों (जो कायाकल्प रैकिंग में 70 प्रतिशत से ऊपर रहे) का भी सम्मान किया गया।
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