पी.सी और पी.एन.डी.टी एक्ट के अंतर्गत दोष तय होने या सजा होने पर स्टेट मैडीकल कौंसिल को जानकारी दो: सिद्धू
डेली संवाद, चंडीगढ़
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने सभी सिविल सर्जनों को निर्देश जारी करके स्टेट मैडीकल कौंसिल और अन्य सम्बन्धित रजिस्ट्रिंंग अथॉरिटी को उन डाक्टर औऱ स्कैनिंग सेंटरों के स्टाफ सदस्यों की तुरंत जानकारी देने के लिए कहा है जिन डाक्टरों या स्टाफ सदस्यों पर पी.सी और पी.एन.डी.टी एक्ट के अंतर्गत अदालत द्वारा दोष तय किये गए हों या सज़ा की गई हो।
स्टेट सुपरवायजऱी बोर्ड के परिवार कल्याण भवन में पी.सी और पी.एन.डी.टी. एक्ट के नियमों का पालन करवाने सम्बन्धी हुई मीटिंग का नेतृत्व करते हुए बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि यदि किसी डॉक्टर या स्टाफ नर्स या रजिस्टर्ड सैंटर के विरुद्ध पी.सी और पी.एन.डी.टी एक्ट के अंतर्गत दोष तय हो या सज़ा हुई हो तो सम्बन्धित जि़ला अथॉरिटी इसकी सूचना तुरंत ही स्टेट मैडीकल कौंसिल या रजिस्टर्ड कौंसिल के पास दर्ज करवाए।
उन्होंने यह भी कहा कि कानून का उल्लंघन करने वाले अदालत द्वारा दोषी पाए जाते हैं तो यह स्वास्थ्य विभाग की जि़म्मेदारी है कि वह सम्बन्धित रेगुलेटरी अथॉरिटी को सूचित करे जिससे दोषी डाक्टर, नर्स, अन्य स्टाफ के निलंबन और स्कैनिंग सैंटर के विरुद्ध बनती योग्य कार्यवाही की जा जाये।
प्रमुख सचिव को सम्बन्धित मामलों की जाँच करने के लिए कहा
उल्लंघन करने वालों की बड़ी संख्या में बरी हो जाने पर प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने पी.सी और पी.एन.डी.टी एक्ट का उल्लंघन करने वाले डाक्टरों की रिहाई का कारण पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग अग्रवाल को सम्बन्धित मामलों की गहरी जाँच करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि आगामी मीटिंग में वह ख़ुद इन मामलों का जायज़ा भी लेंगे। उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि केस में चश्मदीद गवाह जैसे कि प्रत्यक्षदर्शी मरीज़ या स्वास्थ्य विभाग का अफ़सर अदालत में अपने बयान से पलट जाते हैं।
उन्होंने बताया कि बहुत जल्द राज्य सरकार ऐसी प्रणाली ला रही है जिसके अधीन एसे दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी।
इस मौके पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग अग्रवाल ने बताया कि लिंग निर्धारण जांच के कारण मादा भ्रूणहत्या में शामिल अमानवीय व्यापार वाले माफीयाओं पर नकेल कसने के लिए उन जिलों में जांच, स्टींग ऑपरेशन और छापेमारियों में तेज़ी लाने के लिए निर्देश जारी किये गए हैं जहाँ लिंग अनुपात कम है।
निजी जासूस एजेंसी के साथ एम.ओ.यू करने के बाद 20 स्टींग ऑपरेशन किये
उन्होंने बोर्ड को जानकारी देते हुए बताया कि निजी जासूस एजेंसी के साथ एम.ओ.यू सहीबद्ध करने के बाद 20 स्टींग ऑपरेशन किये गए हैं जबकि तीन जिलों के सिविल सर्जनों द्वारा 4 स्टिंग ऑपरेशन किये गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि अलट्रा साउंड मशीनों की ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन/रीन्यूवल का काम प्रक्रिया अधीन है।
आने वाले समय में सभी मशीनों की रजिस्ट्रेशन, रीन्यूवल और कार्यशीलता रद्द करने का काम राज्य स्तर पर सर्वर के साथ जोडक़र निगरानी अधीन लाया जायेगा और भविष्य में फॉर्म ‘एफ’ ऑनलाइन भरने और जमा करवाने की योजना भी प्रक्रिया अधीन है। उन्होंने यह भी बताया कि जि़ला और राज्य स्तर पर गर्भवती महिलाओं की प्राथमिक रजिस्ट्रेशन और मदर चाइल्ड ट्रैकिंग (एमसीटी) की निगरानी को यकीनी बनाने के लिए सिविल सर्जनों को हिदायतें जारी की गई हैं।
WhatsApp पर न्यूज़ Updates पाने के लिए हमारे नंबर 8847567663 को अपने Mobile में Save करके इस नंबर पर Missed Call करें। हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।