पंजाब और हरियाणा समेत 4 राज्यों के लाखों लोगों की सेहत खतरे में, रिसर्च से हुआ खुलासा

Daily Samvad
4 Min Read
फाइल फोटो

नई दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (आइआइटी दिल्ली) में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फ़ॉर रिसर्च एंड क्लीन (सीईआरसीए) में पराली के जलाने के मुद्दे पर शुक्रवार को एक कॉन्फ्रेंस के आयोजन किया गया। इसमें एक स्टडी के बारे में बताया गया जो हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और बिहार के कुल 6800 गांव के 1 लाख 88 हजार लोगों पर की गई है।

इन सभी 4 राज्यों के कुल 150 जिलों के इन गांवों में कई गई स्टडी में खुलासा हुआ है कि गेहूं की पराली जलाने के बाद इससे निकलने वाले धुंए की चपेट में आने से 40 से 50 साल के बीच की उम्र के लोगों में उच्च रक्तचाप (हाइपरटेनशन) की बीमारी बढ़ रही है। यह स्टडी एम्स के डॉक्टरों, आइआइटी दिल्ली के प्रोफेसर ने की है।

कॉर्डिनेटर प्रोफ सगनिक डे और उन्होंने यह स्टडी तैयार की

शुक्रवार को कॉन्फ्रेंस में इस स्टडी को इंडियन स्टेटिस्टिकल इंस्टीट्यूट से पीएचडी कर रही और ब्रूकिंग्स इंस्टिट्यूट इंडिया की एसोसिएट फेलो प्राची सिंह ने पेश किया। उन्होंने बताया कि एम्स के डॉक्टर अम्बुज रॉय, सफदरजंग अस्पताल कर डॉ दिनकर भसिन , आइआइटी दिल्ली के सीईआरसीए के कॉर्डिनेटर प्रोफ सगनिक डे और उन्होंने यह स्टडी तैयार की है।

उन्होंने बताया है कि गेहूं की पराली के जलाने से जो धुंआ वातावरण में फैलता है, वह इन 4 राज्यों के लोगों में हाइपरटेनशन की बीमारी को बढ़ा रहा है। इन 4 राज्यों के 6800 गांव के 10 फीसद लोगों पर पराली जलाने से यह बीमारी फैल रही है। इसे जल्द ही नियंत्रित करना बेहद जरूरी है नहीं तोह यह इस बीमारी का संपर्क और भी लोगों में बढ़ा देगा।

प्राची सिंह ने बताया है कि 2015 से 2016 के दौरान जनवरी से अगस्त के बीच में 30 दिनों के नेशनल फैमली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस) के गेहूं की पराली जलाने का डाटा लेकर इस स्टडी को पूरा किया गया है। इस स्टडी पर हाल ही में डाटा लेकर काम किया गया तहस और इसका विश्लेषण किया गया था। एनएफएचएस से लोगों के स्वास्थ्य का डेटा लिया गया और प्रोफ सगनिक डे ने वर्ष 2015 और 2016 के प्रदूषण के डेटा को इसमें जोड़ा।

20 से 60 वर्ष के लोगों पर हुआ सर्वे

साकेत स्थित मैक्स सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल के डिपार्टमेंट ऑफ कार्डिएक साइंसेज के चेयरमैन डॉ. के.के. तलवार ने जब 20 से 60 वर्ष की उम्र वाले दिल्ली वासियों की जीवनशैली को लेकर एक सर्वे किया, तो पाया कि शहरों की तेज गति से भागती जिंदगी ने तनाव का स्तर काफी बढ़ा दिया है। इसमें पेशेवर चिंताएं अधिक होती हैं, जिसकी खानापूर्ति अनहेल्दी खाने या फिर वीडियो गेम्स, सोशल मीडिया में समय बिताकर की जाती है। लोग बाहर निकलने से बचते हैं। 58 प्रतिशत दिल्लीवासी पूरे हफ्ते कोई भी एक्सरसाइज नहीं करते।

WhatsApp पर न्यूज़ Updates पाने के लिए हमारे नंबर 8847567663 को अपने Mobile में Save करके इस नंबर पर Missed Call करें। हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।















Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *