नई दिल्ली। लोगों में भूलने की समस्या आम है. अक्सर लोग रोजमर्रा की बातों को भी भूल जाते हैं. चीजों को भूलना पहले सिर्फ बुजुर्गों की ही बीमारी मानी जाती थी पर आजकल ये बीमारी युवाओं के साथ-साथ बच्चों को भी अपने चपेट में ले रही है।
अल्जाइमर भूलने की बीमारी है. इसका नाम डॉक्टर अलोइस अल्जाइमर पर रखा गया है. इन्होंने ही सबसे पहले अल्जाइमर बीमारी के बारे में जानकारी दी थी. दिमाग में प्रोटीन की संरचना में गड़बड़ी के कारण अल्जाइमर की समस्या होती है. पहले 70 साल से ऊपर के लोगों में अल्जाइमर होता था. अब 40 वर्ष में भी लोग इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं।
क्यों मनाया जाता है अल्जाइमर डे
दुनिया भर में 21 सितंबर वर्ल्ड अल्जाइमर डे के नाम से मनाया जाता है. आजकल ये समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. अल्जाइमर से पीड़ित लोगों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए पूरी दुनिया में 21 सितंबर को ‘विश्व अल्जाइमर दिवस’ मनाया जाता है.
अल्जाइमर के लक्षण
डॉक्टर्स मानते हैं कि छोटी-छोटी बातों को भूल जाना तो आम बात है लेकिन अगर कुछ विशेष लक्षण है जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. अगर आपके साथ भी हो रहा है ऐसा तो सतर्क हो जाएं.
- रोजमर्रा की दिनचर्या में तेजी से बदलाव।
- किसी काम में मन एकाग्र नहीं होना।
- जरूरी फैसले लेते समय आत्मविश्वास कम होना।
- सामान्य बातचीत में बार-बार शब्द भूलना, वाक्य नहीं बन पाना।
- रोज आने-जाने वाले रास्तों में उलझना।
एसे बचा जा सकता है
- सोशल मीडिया से ज्यादा वास्तविक दुनिया से संपर्क।
- खेल की गतिविधियों और उचित व्यायाम से शरीर और दिमागी तंदुरुस्ती बनी रहती है।
- गुस्सा, चिड़चिड़ेपन से दूर रहें. खुद भी खुश रहें और दूसरे को भी खुश रखें।
- सेहतमंद आहार लें और हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज पर नियंत्रण रखें।
- नई भाषा सीखने, मेंटल गेम्स या म्यूजिक में खुद को व्यस्त रखें।
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