लखनऊ। वरिष्ठ नेता चिन्मयानंद पर बलात्कार और यौन शोषण का आरोप लगाने वाली 23 साल की कानून की छात्रा को आज विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने ब्लैकमेलिंग और जबरन वसूली के मामले में लोकल पुलिस के साथ उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पुलिस ने उस छात्रा को कोर्ट के सामने पेश किया गया। कोर्ट ने छात्रा को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
एसआईटी प्रमुख और पुलिस महानिरीक्षक नवीन अरोड़ा ने यहां बताया कि छात्रा से मंगलवार को पूछताछ की गई थी। पुख्ता सूबत मिलने के बाद उसे गिरफ्तार कर मेडिकल जांच कराई जा रही है। मेडिकल जांच के बाद उसे अदालत में पेश किया गया। इसके बाद कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया है।
उन्होंने बताया कि चिन्मयानंद को ब्लैकमेल कर पांच करोड़ मांगने के मामले में तीन आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है ।उनमें संजय और विक्रम ने स्वीकार कर लिया है कि उन्होंने चिन्मयानंद से पांच करोड़ रूपए मांगे थे । दूसरी ओर युवती ने ब्लैकमेलिंग और जबरन उगाही के मामले में शामिल होने के पुख्ता सूबत मिले हैं।
जमानत पर 26 सितंबर को होने है सुनवाई
मंगलवार को एक स्थानीय अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी, जिसे अदालत ने विचारार्थ स्वीकार कर लिया। इस पर 26 सितंबर को सुनवाई होगी। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि स्वामी चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली कानून की छात्र को एसआईटी (विशेष जांच दल) ने कथित तौर पर रंगदारी वसूलने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
छात्रा के वकील अनूप त्रिवेदी ने पत्रकारों को बताया था कि एडीजे सुधीर कुमार की अदालत ने स्वामी चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली छात्रा की अग्रिम जमानत याचिका विचारार्थ स्वीकार कर ली। अदालत ने इस मामले से संबंधित सभी रिकॉर्ड 26 सितंबर को तलब किए हैं। त्रिवेदी ने कहा कि यह राहत की बात है कि अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका विचारार्थ स्वीकार कर ली है और सामान्यत: ऐसे मामलों में गिरफ्तारी नहीं होती है।
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