पंजाब के CM अमरिंदर सिंह का बड़ा बयान, कहा- ‘हैदराबाद के बलात्कारियों का एनकाउंटर करने वाली कोई बात नहीं थी’, पढ़ें प्याज पर क्या बोले कैप्टन

Daily Samvad
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पंजाब के मुख्यमंत्री ने अदालतों से बाहर जाकर न्याय का विरोध किया परन्तु पुलिस को अपने ऊपर हमला होने पर बचाव करने का है पूरा अधिकार। नागरिकता संशोधन बिल पंजाब में पास नहीं होने दिया जाये, देश की लोकतांत्रिक भावना के खि़लाफ़ है राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर

डेली संवाद, नई दिल्ली
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शनिवार को कहा कि वह चाहे पुलिस द्वारा अपने ऊपर हुए हमले की सूरत में गोली चलाने के हक में हैं परंतु वह अदालतों से बाहर जाकर न्याय देने के खि़लाफ़ हैं क्योंकि यह देश की संवैधानिक भावना के उलट है। इसके साथ ही उन्होंने नागरिकता संशोधन बिल का विरोध करते हुए कहा कि वह इसको राज्य की विधानसभा में पास नहीं होने देंगे।

एच.टी. सम्मेलन 2019 में ‘एक बढिय़ा कल‘ सैशन के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भुपेश बघेल के साथ सम्मेलन के दौरान कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने तेलंगाना में बलात्कार के मुलजिमों को मारने की घटना के संदर्भ में बोलते हुए कहा,‘‘यदि पुलिस वालों पर मुलजिमों द्वारा हमला किया गया होता है तो की गई कार्यवाही जायज होती।‘‘उन्होंने हालाँकि यह बात साफ़ की कि इसमें एनकाउंटर जैसी कोई बात ही नहीं थी। उन्होंने अपने राज्य बारे बात करते हुए कहा कि यहां की पुलिस को ऐसे मुद्दों संबंधी अच्छी तरह पता है और वह आतंकवादियों, गुंडों /गैंगस्टरों को हथियारों का आत्म समर्पण करने या परिणाम भुगतने के लिए कहती है।

दो कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों, जिन्होंने भाजपा के कांग्रेस मुक्त सपने को तोड़ दिया, को सैशन के दौरान कई मुद्दों पर सवालों का सामना करना पड़ा और तेलंगाना घटना समेत सब अहम मुद्दों पर दोनों नेताओं की एक ही सहमति देखने को मिली। श्री बघेल ने कहा कि देश के लोग न्याय में देरी से ऊब चुके हैं और इस प्रक्रिया को तेज़ करने की ज़रूरत है।

राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर का ज़ोरदार विरोध

अपनी प्रचलित शैली में पंजाब के मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर का ज़ोरदार विरोध करते हुए कहा कि यह भारत की लोकतांत्रिक भावना के खि़लाफ़ है जोकि एक स्वतंत्र देश है। जब उनको पूछा गया कि केंद्र के कानून बनाने के बाद इस समस्या से पंजाब कैसे मुकाबला करेगा तो उन्होंने कहा,‘‘प्रस्तावित नागरिकता संशोधन बिल को संसद द्वारा पास होने पर हमारी विधानसभा में आने दो, वहां हमारे पास दो-तिहाई बहुमत है।’’

कैप्टन अमरिन्दर सिंह और श्री बघेल दोनों ने कहा कि कांग्रेस पार्टी राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर का विरोध करती है जो कि लोगों को देश छोडऩे के लिए मजबूर करने के लिए हथियार के तौर पर इस्तेमाल करा जा रहा है। पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या होगा अगर बंगलादेश असम में से निकाले जाने वाले लोगों को लेने से इन्कार कर दे? उन्होंने कहा कि केंद्र ऐसे अहम मुद्दों पर एकतरफ़ा फ़ैसले नहीं ले सकता। ऐसा फ़ैसला कई दिक्कतें खड़ी कर देगा। उन्होंने कहा,‘‘क्या विदेशों में बसे भारतीयों को हम देश आने से रोक सकते हैं अगर वह वापस देश लौटने की इच्छा रखेें?’’

भाजपा का राष्ट्रवाद का एजेंडा अब मतदान में नहीं चलेगा

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनावी नतीजों ने स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा का राष्ट्रवाद का एजेंडा अब मतदान में नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि हर भारतीय दिल से राष्ट्रभक्त है परन्तु लोग सबसे पहले अपनी, इच्छाओं की पूर्ति चाहते हैं। उन्होंने कहा कि एन.डी.ए. सरकार के कार्यकाल के बाद ताज़ा चुनावी नतीजों ने स्पष्ट संकेत दे दिए हैं कि ‘बदलाव की हवा’ चल रही है।

उन्होंने कहा कि इस समय यह बात अहम है कि किसी भी पार्टी का सरकार में बने रहना उसके प्रदर्शन पर निर्भर करता है। अगर कोई पार्टी अच्छा प्रदर्शन नहीं करती तो लोग उसे सत्ता से बाहर कर देते हैं। उन्होंने अकाली दल के चुनावी प्रदर्शन की तरफ इशारा करते हुए कहा कि पंजाब की पिछले विधानसभा चुनाव में अकालियों का सफाया हो गया था।

पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि वह राष्ट्रवाद की बात पाकिस्तान के खतरे ख़ासकर अपने राज्य के संदर्भ में करते हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा का राष्ट्रवाद का नारा गांधी से नहीं बल्कि हिटलर से प्रभावित है। श्री बघेल ने कहा कि भाजपा ने पुलवामा मामले पर एक बार तो राजनीति करके चुनाव में सफलता हासिल कर ली परन्तु दोबारा इसको महाराष्ट्र और हरियाणा में ऐसे नतीजे नहीं मिल सके।

झारखंड मतदान के नतीजों के बाद देश में बदलाव आएगा

दोनों मुख्यमंत्री इस बात के लिए दृढ़ लगे कि आगामी झारखंड मतदान के नतीजों के बाद देश में बदलाव आएगा। श्री बघेल ने कहा कि बदलाव का चल रहा समय इसके बाद ओर तेज़ी पकड़ेगा। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि बदलाव लोकतंत्र का हिस्सा है और भाजपा का वोट प्रतिशत पिछले कुछ महीनों में बड़े स्तर पर घटा है जो कि सिद्ध करता है कि तबदीली शुरू हो गई है।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कांग्रेस में किसी भी पहचान का संकट होने की बात को इन्कार करते हुए कहा कि सोनीया गांधी के अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी का प्रदर्शन सुधरा है। इससे सिद्ध होता है कि लोगों का अभी भी इंडियन नेशनल कांग्रेस में विश्वास है। ‘कांग्रेस के नेतृत्व के लिए कौन सर्वोत्तम नेता है?’ सवाल पूछे जाने पर कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह फ़ैसला कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने करना है और वह अपने विचार वहां साझा करेंगे जब पूछा जायेगा।

बदले की राजनीति के मुद्दे पर बोलते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह ‘सब पार्टियों में नहीं होता’। उन्होंने अपने राज्य का उदाहरण देते हुए कहा कि जहाँ भी कुछ गलत हुआ है, उन्होंने इसकी जांच के आदेश दिए हैं।

जी.एस.टी. के मुद्दे पर दोनों मुख्यमंत्रियों ने गंभीर होते हुए केंद्र द्वारा राज्यों को जी.एस.टी. का हिस्सा भेजने में देरी पर नाराजग़ी ज़ाहिर की। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि पंजाब उधार के पैसों से गुज़ारा नहीं कर सकता और यह केंद्रीय वित्त मंत्री की जि़म्मेदारी बनती है कि राज्यों को उनका हिस्सा दिया जाये क्योंकि सभी वित्तीय शक्तियां अब केंद्र के पास है और राज्यों के कोई आय के साधन नहीं हैं।

वह प्याज़ को नहीं समझ सकतीं तो जी.एस.टी. और अर्थ व्यवस्था को क्या समझेंगी

वित्त मंत्री के यह दावे कि राज्यों को वसूली पूरी न होने के कारण भुगतान नहीं किया गया है सम्बन्धी पूछे सवाल के जवाब में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा,‘‘मुझे नहीं लगता कि उन्हें इस बात का एहसास है कि हम क्या दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। ‘‘छत्तीसगढ़ के उनके हमरुतबा ने कहा, ‘‘वह प्याज़ को नहीं समझ सकतीं तो जी.एस.टी. और अर्थ व्यवस्था को क्या समझेंगी।’’

दिल्ली में प्रदूषण के लिए पंजाब पर जि़म्मेदार होने के दोषों पर बोलते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि वह आज दिल्ली में धुएं के कारण चंडीगढ़ से दिल्ली के लिए हैलीकॉप्टर के द्वारा उड़ान नहीं भर सके जबकि पंजाब में बढिय़ा और धूप वाला दिन था। उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में यह प्रदूषण कहाँ से आया। अब तो पंजाब में पराली जलाने का समय भी गुजऱ गया है।’’ पंजाब के मुख्यमंत्री ने यह माँग फिर दोहराई कि केंद्र को फ़सलीय विभिन्नता और अन्य तौर-तरीकों के द्वारा किसानों की सहायता के लिए पराली के स्थायी प्रबंधन के लिए फंड मुहैया करवाना चाहिए।













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