नई दिल्ली। राष्ट्रीय नागरिकता कानून के खिलाफ देशव्यापी विरोध के बीच केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को मंजूरी दे दी है. कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू होगी जिसका मकसद देश के सामान्य निवासियों की व्यापक पहचान का डेटाबेस बनाना है. इस डेटा में जनसांख्यिकी के साथ बायोमेट्रिक जानकारी भी शामिल होगी।
क्या है पूरी प्रक्रिया
नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर में हर नागरिक की जानकारी रखी जाएगी. ये नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों के तहत स्थानीय, उप-जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है. पॉपुलेशन रजिस्टर में तीन प्रक्रियाएं होगी. पहले चरण यानी अगले साल एक अप्रैल 2020 लेकर से 30 सितंबर के बीच केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी घर-घर जाकर आंकड़े जुटाएंगे. वहीं दूसरे चरण में 9 फरवरी से 28 फरवरी 2021 के बीच पूरा होगा. तीसरे चरण में संशोधन की प्रक्रिया 1 मार्च से 5 मार्च के बीच होगी।
क्या है एनपीआर
NPR देश के सभी सामान्य निवासियों का दस्तावेज है और नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों के तहत स्थानीय, उप-जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है. कोई भी निवासी जो 6 महीने या उससे अधिक समय से स्थानीय क्षेत्र में निवास कर रहा है तो उसे NPR में अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होता है. 2010 से सरकार ने देश के नागरिकों की पहचान का डेटाबेस जमा करने के लिए इसकी शुरुआत की. इसे 2016 में सरकार ने जारी किया था।
#दैनिक_प्रभात में मेरा लेख। आयुष्मान और मुख्यमंत्री जनआरोग्य योजना गरीबों के लिए वरदान बन गई। महंगे इलाज के अभाव में दम तोड़ने वालों के लिए संजीवनी से कम नहीं। @myogiadityanath @myogioffice @MrityunjayUP @shalabhmani @ShishirGoUP @GirishPandy @manishsNBT @CMOfficeUP #आयुष्मान pic.twitter.com/KNCWKuaevQ
— Mahabir Jaiswal (@mahabirjaiswal) November 28, 2019
NPR और NRC में अंतर
एनआरसी के पीछे जहां देश में अवैध नागरिकों की पहचान का मकसद छुपा है, वहीं इसमें छह महीने या उससे अधिक समय से स्थानीय क्षेत्र में रहने वाले किसी भी निवासी को NPR में आवश्यक रूप से पंजीकरण करना होता है. बाहरी व्यक्ति भी अगर देश के किसी हिस्से में छह महीने से रह रहा है तो उसे भी एनपीआर में दर्ज होना है. एनपीआर के जरिए लोगों का बायोमेट्रिक डेटा तैयार कर सरकारी योजनाओं की पहुंच असली लाभार्थियों तक पहुंचाने का भी मकसद है। (credit-aajtak)
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