एन.एच.ए.आई. को सरकार की फटकार, 20 अति संवेदनशील जगहों पर सुधार करने के आदेश

Daily Samvad
4 Min Read

डेली संवाद, चंडीगढ़
तंदुरुस्त पंजाब मिशन के अंतर्गत प्रोजैक्ट पंजाब विजन ज़ीरो एक्सीडेंट टीम और पंजाब पुलिस के ट्रैफिक़ विंग द्वारा ‘सुरक्षा विश्लेषण और दुर्घटना ब्लैक स्पॉटस की पहचान’ संबंधी सांझे तौर पर तैयार की गई रिपोर्ट ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एन.एच.ए.आई) को दुर्घटना वाले 20 अति संवेदनशील स्थानों पर तुरंत सुधारवादी कदम शुरु करने के लिए प्रेरित किया है। यह जानकारी तंदुरुस्त पंजाब मिशन के डायरैक्टर स. काहन सिंह पन्नू ने दी।

उन्होंने बताया कि भारत सरकार के सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार सडक़ दुर्घटना ब्लैक स्पॉट राष्ट्रीय राजमार्गोंं पर तकरीबन 500 मीटर लम्बी सडक़ है, जहाँ पिछले तीन सालों के दौरान 5 सडक़ दुर्घटनाएं (दुर्घटना के कारण मृत्यु/बुरी तरह ज़ख्मी होना) या पिछले 3 सालों के दौरान दुर्घटनाओं में 10 मौतें हुई हैं।

कुल 880 लोगों की जान गई

पन्नू ने कहा कि सडक़ दुर्घटना के विस्तृत विश्लेषण से पता लगा है कि राष्ट्रीय राजमार्ग-44 के पंजाब में पड़ते 175 किलोमीटर हिस्से पर कुल 92 दुर्घटना ब्लैक स्पॉट हैं। पिछले 3 सालों के दौरान सडक़ दुर्घटनाओं के दर्ज किये गए मामलों के आधार पर राष्ट्रीय राजमार्ग-44 के पंजाब में पड़ते हिस्से पर दर्ज 1077 मामलों में कुल 880 लोगों की जान गई, 525 बुरी तरह ज़ख्मी हुए और 183 लोगों को मामूली चोटें आईं। इसके साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर पड़ते 92 दुर्घटना ब्लैक स्पॉटस पर 880 सडक़ दुर्घटनाओं में हुई मौतों में से दुर्घटनाओं के कारण 644 मौतें (73 प्रतिशत) हुई।

उन्होंने कहा कि इस विश्लेषण से पता चलता है कि राष्ट्रीय राजमार्ग-44 की पूरी 175 किलोमीटर लंबाई में से तकरीबन 40 किलोमीटर हिस्से में कुछ जियोमैट्रिक त्रुट्टियां हैं और उन क्षेत्रों में विशेष तौर पर जियोमैट्रिक सुधार की ज़रूरत है जहाँ से राष्ट्रीय राजमार्ग शहरी सीमाओं को पार करता है।

मिशन डायरैक्टर ने बताया कि भारत सरकार के योजना आयोग के मूल अध्ययन (2013) के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर घटित विभिन्न हादसों के कारण पंजाब में वर्तमान मूल्य के अनुसार 933 करोड़ रुपए का सामाजिक-आर्थिक नुक्सान हुआ है जोकि 85 लाख रुपए प्रति दिन बनता है।

कुछ ब्लैक स्पॉटस को प्राथमिकता दी गई है

स. पन्नू ने कहा कि भारी जान-माल के नुक्सान के कारण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एन.एच.ए.आई.) के पास तुरंत इस मुद्दे को उठाने की ज़रूरत महसूस की गई। उन्होंने बताया कि राज्य से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर एन.एच.ए.आई. द्वारा सडक़ दुर्घटनाओं में दर्ज की मौतों की संख्या के अनुसार कुछ ब्लैक स्पॉटस को प्राथमिकता दी गई है और उनके सुधार कामों के लिए टैंडर माँग कर पहचाने गये स्थानों पर सुधार के काम शुरू कर दिए हैं।

उन्होंने कहा कि तंदुरुस्त पंजाब मिशन के अंतर्गत ब्लैक स्पॉटस को ख़त्म करने /कम करने का लक्ष्य निश्चित किया गया है। परन्तु विकास प्रोजेक्टों में त्रुट्टियां, सडक़ के किनारों के आसपास बदलाव, क्षेत्र में विकास कामों में तबदीलियाँ, गैर-योजनाबद्ध विकास /सडक़ों पर अनाधिकृत निर्माण जैसे विज्ञापन बोर्ड, खम्बे, प्रतिमाएं, इमारतें, पेड़, झाडिय़ों आदि के कारण सडक़ दुर्घटनाएँ बार-बार होती हैं। इसलिए ब्लैक स्पॉटस में सुधार करना एक निरंतर प्रक्रिया है।

https://youtu.be/vONsauTHQXA













728
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *