डेली संवाद, जालंधर
आज अंग्रेजी को दुनिया की सर्वप्रथम अंतराष्ट्रीय भाषा माना जा रहा है। उसी अंग्रेजी के प्रसार तथा रूप को शुद्ध करने के उद्देश्य को मुख्य रखते हुए तथा तथा नए सत्र में नएं ढंग से विद्यार्थियों के सिखाने के लिए अंग्रेजी की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला डिप्स चेन की सी.ई.ओ मोनिका मंडोत्रा के दिशा निर्देशानुसार डिप्स एजुकेशनल रिसर्च एंड डिवैल्पमैंटल बोर्ड द्वारा अर्बन एस्टेट फेज-1 के प्रांगण में आयोजित की गई।
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इसमें मुख्य वक्ता के रूप में अंग्रेजी विभाग के एडवाईज़र प्रो. गुलजार सिंह चंचल उपस्थित हुए। इंग्लिश एैज़ ए विंडो टू द वल्र्ड यह शब्द डिप्स चेन की सी.ईओ मोनिका मंडोत्रा ने कार्यशाला के आगाज में अध्यापकों को सम्बोधित करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि अध्यापक विद्यालय की वह नीव है जिसके द्वारा विद्यार्थी अपने भविष्य की उचाईयों की ईमारत बनाते है।
नया करने की चाह को मन में रखें
उन्होंने कहा कि अध्यापकों को निरंतन कुछ नया करने की चाह को मन में रखना चाहिए। हर दिन कक्षा में शिक्षा को प्रदान करने का एक नया अंदाज़ हो। जिससे विद्यार्थियों की भाषा के प्रति रूची पैदा हो। हर दिन कुुछ नया करने की चाह नए आयाम स्थापित करें। इस दौरान मुख्य वक्ता गुलजार सिंह चंचल ने अध्यापकों को अंग्रेजी भाषा के सही उच्चारण, शब्द तथा उनकी बनावट बाबत विस्तार से जानकारी प्रदान की।
उन्होंने अध्यापकों को बताया कि हर विद्यार्थी को भाषा के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए कुछ शब्द दें तथा उन शब्दों से संबंधित विभिन्न अर्थो से उन्हें रूबरू करवाए। उन्हें बातों-बातो में शब्दों के सही अर्थ बता कर वाक्यों द्वारा प्रयोग में लाए तथा उन्हें कक्षा में अंग्रेजी बोलने तथा लिखने के लिए प्रोत्साहित करें।
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ग्रामर के विभिन्न अंगों से भी परिचित करवाया
उन्होंने अध्यापकों को सी.बी.एस.ई के नए करिकुलम उदेश्यों तथा ग्रामर के विभिन्न अंगों से भी परिचित करवाया । इसी के साथ उन्होंने कहा कि किसी भी भाषा को बोलते तथा लिखते समय किस प्रकार ग्रामर को प्रयोग में लाया जाता है के बाबात विस्तार से जानकारी प्रदान की। कार्यशाला के अंत में मुख्य वक्ता सथा सी.ई.ओ ने अध्यापकों को प्रोत्साहित करने के लिए बैस्ट असाईनमैंट तथा डैमों देने के लिए प्रमाण पत्र तथा ईनाम देकर पुरस्कृत किया गया।