भारत में कोरोना की दवा को लेकर शुरू होने जा रहा है बड़ा प्रयोग, आयुर्वेद की इस तकनीक से वायरस का इलाज ढूंंढेंगे भारतीय वैज्ञानिक, जल्द मिलेगी अच्छी खबर

Daily Samvad
3 Min Read

नई दिल्ली। दुनियाभर में फैली कोरोना वायरस की महामारी भारत के लिए भी किसी चुनौती से कम नहीं है, इसका सामना करने के लिए देश का हर वैज्ञानिक रिसर्च में जुट हुआ है. जल्द ही ये वैज्ञानिक फीफाट्रोल से कोरोना वायरस के इलाज की खोज करने जा रहे हैं. हालांकि इससे पहले आयुष मंत्रालय की गठित टास्क फोर्स को उन्होंने प्रस्ताव भेजा था. ताकि‍ इस अध्ययन में सरकार से हर संभव मदद ली जा सके. टास्क फोर्स से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जल्द ही इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने जा रही है।

[ads2]

बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. केएन द्विवेदी का कहना है कि आज दुनिया कोविड 19 का इलाज तलाश रही है. हमें भी अपने परंपरागत चिकित्सा का इस्तेमाल करना चाहिए. इसलिए इंसानों पर फीफाट्रोल का ट्रायल करके कोरोना वायरस का आयुर्वेदिक उपचार की संभावना पर काम करने की योजना है. उन्होंने बताया कि एमिल फॉर्मास्युटिकल के सहयोग से उन्होंने इस रिसर्च का प्रस्ताव टास्क फोर्स को भेजा है।

13 जड़ी बूटियों से तैयार एंटी- माइक्रोबियल एक औषधीय फार्मूला

इस प्रस्ताव में लिखा है कि फीफाट्रोल से 13 जड़ी बूटियों से तैयार एंटी- माइक्रोबियल एक औषधीय फार्मूला है, जिसमें शामिल पांच प्रमुख बूटियों में सुदर्शन वटी, संजीवनी वटी, गोदांती भस्म, त्रिपुवन कीर्ति रस और मृृत्युंजय रस शामिल है. जबकि आठ औषधि‍योंं के अंश तुलसी, कुटकी, चिरयात्रा, मोथा गिलोय, दारुहल्दी, करंज के अलावा अप्पामार्ग मिलाए गए हैं।

इतना ही नहीं फीफाट्रोल पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भी अध्ययन कर चुका है, जिसमें यह दवा आयुर्वेदिक एंटीबायोटिक के रूप में साबित हुई है. शोध के दौरान बैक्टीरिया संक्रमण रोकने में यह कारगर मिली. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बूस्ट करने में यह सहायक है। आयुष मंत्रालय ने एक आंतरिक टास्क फोर्स भी गठित की है, जो देशी उपचार पद्धतियों की उन महत्वपूर्ण दवाओं का अध्ययन कर रही है. इन्हें कोविड 19 के उपचार में इस्तेमाल किया जा सकता है. इस आंतरिक टास्क फोर्स ने ऐसी दवाओं के ब्यौरे एकत्र करने भी शुरू कर दिए हैं।

[ads1]

क्लिनिकल ट्रायल के लिए ऐसी दवाओं के प्रस्ताव मांगे

शोधकर्ताओं, प्रमुख दवा निर्माताओं एवं शोध संस्थानों से आगे शोध और क्लिनिकल ट्रायल के लिए ऐसी दवाओं के प्रस्ताव मांगे गए हैं, जो कोरोना वायरस से निपटने में कारगर हो सकती हैं. अब तक कई प्रस्ताव मिल चुके हैं. जिनमें से एक फीफाट्रोल भी है. सरकार ने इंटर डिसिप्लेनरी कमेटी बनाई है ताकि उसमें आधुनिक मेडिसिन के चिकित्सा विशेषज्ञों की मदद से दवाओं के आधुनिक चिकित्सा के मानकों पर परखा जा सके।




728

728
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

news website development in jalandhar