डेली संवाद, चंडीगढ़/नई दिल्ली
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सोमवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी द्वारा सर्वसम्मती से पास किये उस संकल्प का स्वागत किया जिसमें सोनिया गांधी को ए.आई.सी.सी. के अगले सत्र तक पार्टी अध्यक्ष के पद पर बने रहने के लिए कहा गया और उनको किसी भी चुनौती/स्थिति से निपटने के लिए जरुरी फैसले, संगठनात्मक बदलावों सहित, लेने के अधिकार दिए गए।
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इसके साथ ही कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने राहुल गांधी के साथ इस बात पर सहमति अभिव्यक्ति कि सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बने रहने के मुद्दे को सदा के लिए खुला नहीं छोड़ा जा सकता। केंद्रीय वर्किंग कमेटी की वीडियो कॉन्फ्रेंस के द्वारा हुई मीटिंग के दौरान बोलते हुए उन्होंने राहुल गांधी के इस सुझाव की हिमायत की कि कांग्रेस अध्यक्ष को पार्टी के मामलों को चलाने में मदद करने के लिए कोई ढांचा होना बहुत जरूरी है।
ए.आई.सी.सी. का अगला सत्र जल्द
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि वह पार्टी के सीनियर नेता पी. चिदम्बरम् की इस बात से भी सहमत हैं कि नये अध्यक्ष का चयन करने के लिए ए.आई.सी.सी. का अगला सत्र जल्द ही, संभावी तौर पर अगले छह महीनों के अंदर बुलाया जाये। पी. चिदम्बरम के इस मुद्दे संबंधी सुझाव का समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि क्योंकि कोविड महामारी के कारण नियमित सत्र नहीं बुलाया जा सकता इसलिए वर्चुअल सत्र बुलाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह कमेटी के उस संकल्प के साथ भी पूर्ण तौर पर सहमत हैं जिसमें पार्टी अंदरूनी मतभेदों को मीडिया या किसी सार्वजनिक मंच की बजाय पार्टी के अंदर ही विचारा और हल किया जा सकता है। मीटिंग की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने कांग्रेसी नेताओं के एक पक्ष द्वारा पत्र लीक किये जाने का हवाला देते हुए कहा कि मुद्दों से निपटने के और भी कई ढंग होते हैं।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पत्र जारी होने के समय सवाल उठाने सम्बन्धी राहुल गांधी द्वारा दिए दखल के तुरंत बाद कहा कि यह ठीक नहीं है। भाजपा हमारे (कांग्रेस) पीछे पड़ी हुई है और इस सबके बीच हमारे अपने लोग ही असहमतियां प्रकट करने पर लगे हुए हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री ने सोनीया गांधी को पार्टी का नेतृत्व करते रहने के लिए कहा और अपना पद छोड़ने का मन बनाने पर पार्टी की बागडोर राहुल गांधी को सौंप देने के लिए कहा।
भाजपा पार्टी पीछे हाथ धोकर पड़ी हुई है
कांग्रेसी नेताओं के एक पक्ष द्वारा सार्वजनिक तौर पर असहमति प्रकट करने सम्बन्धी, वह भी उस समय जब भाजपा पार्टी पीछे हाथ धोकर पड़ी हुई है, कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि ऐसा व्यवहार शर्मनाक और नामंजूर है। उन्होंने यह भी कहा कि वह बाकी वक्ताओं की इस बात के साथ भी सहमत हैं कि ऐसे नाजुक समय में यह मुद्दा उठाए जाने की जरूरत नहीं थी। उन्होंने आगे बताया कि सोनीया गांधी हमेशा ही वर्करों के लिए उपलब्ध रहती हैं और असहमति प्रकट करते हुए ऐसे पत्र के लिखे जाने और फिर उसे सार्वजनिक किए जाने का कोई तुक नहीं बनता था।
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कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि हालाँकि पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले सभी नेता पार्टी के बाकी नेताओं के मित्र हैं और रहेंगे परन्तु उनका यह काम स्वीकार किये जाने वाला बिल्कुल नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि देश में एक भी गाँव ऐसा नहीं है जहाँ किसी कांग्रेसी नेता की मौजूदगी न हो और गांधी परिवार ने पार्टी को हमेशा एक सूत्र में बांधकर रखा है और सोनीया गांधी ने बीते दो दशकों के दौरान पार्टी को एकजुट रखा हुआ है। नेहरू-गांधी परिवार की कांग्रेस पार्टी की पाँच पीढि़यों में से दो ने देश की खातिर अपनी जानें भी कुर्बान की हैं।
इससे पहले सोनिया गांधी ने कहा था कि देश इस समय बड़े संकट का सामना कर रहा है जिसमें कोविड, आर्थिक समस्याएँ और चीन का खतरा शामिल हैं। ऐसे समय में भी भाजपा के नेतृत्व वाली एन.डी.ए. सरकार कई लोकतंत्र विरोधी कार्यवाहियों जैसे कि कृषि ऑर्डीनैंसों, वातावरण के नियमों में बदलाव और नई शिक्षा नीति को अंजाम देने में व्यस्त है और देश के संविधान को भाजपा से खतरा है जोकि बाकायदा चुनी गई कांग्रेस की सरकारों को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है।