मंत्री धर्मसोत की बर्खास्तगी की मांग पर कैप्टन की ललकार, कहा – लगता है कि प्रताप बाजवा बिटुमैन घोटाला भूल गए

Daily Samvad
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डेली संवाद, चंडीगढ़
कांग्रेसी संसद मैंबर प्रताप सिंह बाजवा द्वारा 55.71 करोड़ रुपए के कथित स्कॉलरशिप घोटाले पर राजनीति करने की की जा रही कोशिश पर व्यंग्य करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शनिवार को कहा कि अगर वह जंगल राज में विश्वास रखते होते तो उनको 2002-2007 के कार्यकाल के दौरान बाजवा को मंत्रीमंडल से बरख़ास्त कर देना था, जब उनका नाम लोक निर्माण मंत्री होते हुए बिटूमैन घोटाले और कई अन्य मामलों में उछला था।

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बाजवा द्वारा कथित स्कॉलरशिप घोटाले में कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत के इस्तीफे की माँग पर प्रतिक्रिया देते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि राज्य सभा संसद मैंबर विरोधी पक्ष के नेता के तौर पर व्यवहार कर रहे हैं और उनका एकमात्र एजेंडा हरेक मामले में अपनी सरकार पर हमला करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाजवा हर मौके पर विरोधी पक्ष के नेता की तरह व्यवहार करते हुए अपनी ही पार्टी की सरकार की आलोचना करने के लिए उछल पड़ते हैं, जिनके पास उठाने के लिए कोई भी रचनात्मक मुद्दा नहीं है।

बाजवा का छिपा हुआ एजेंडा है

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्पष्ट है कि बाजवा का छिपा हुआ एजेंडा है। उन्होंने कहा कि संसद मैंबर की हाल ही में हुई पार्टी विरोधी कार्यवाहियों ने पंजाब में कांग्रेस को कमज़ोर करने के इरादे को उजागर कर दिया था, जहाँ कि उनकी पार्टी बहुत मज़बूत है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बाजवा को याद दिलाते हुए कहा कि 2002-2007 के दौरान लोक निर्माण मंत्री रहते हुए ख़ुद उसे अपने पर कई तरह के गंभीर दोषों का सामना करना पड़ा था।

इन आरोपों में करोड़ों रुपए की बिटूमैन की खऱीद में अनियमितताओं का मामला भी शामिल था। मुख्यमंत्री के तौर पर विरोधी पक्ष के दबाव के नीचे आ कर वह (कैप्टन अमरिन्दर सिंह) भी उसे बरख़ास्त कर सकते थे, परन्तु उन्होंने आगे कहा कि वह कानून के राज में विश्वास रखते हैं।

पार्टी हाईकमान बाजवा को तलब करे

पंजाब में अपनी सरकार और पार्टी के खि़लाफ़ बाजवा की आलोचना का कोई आधार न होने का हवाला देते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि संसद मैंबर की कार्यवाहियां सन्देहपूर्ण हैं और उनके पार्टी के वफ़ादार मैंबर होने का संकेत नहीं है। कोरोना महामारी के दौरान राज्य को पेश आ रही मुश्किलों के मुकाबले के लिए अपनी सरकार की कोशिशों का समर्थन करने की बजाए संसद मैंबर सक्रियता से इसके उलट चल रहा है, जो कि बिल्कुल अस्वीकार्य है।

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राज्य में अपनी ही पार्टी और सरकार पर हमला करके बाजवा विरोधी पक्ष के हाथों में खेल रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान को स्पष्ट तौर पर इस घोर अनुशासनहीनता के लिए संसद मैंबर को तलब करना चाहिए। हालाँकि पार्टी स्तर पर रचनात्मक आलोचना का सदा स्वागत किया जाता है, परन्तु मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर अपनी ख़ुद की पार्टी / सरकार पर बार-बार हमला करना जैसे कि बाजवा पिछले कई महीनों से लगातार कर रहा है, को पार्टी विरोधी कार्यवाही के अलावा और कुछ नहीं कहा जा सकता।















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