विधानसभा में पेश किए गए कैग रिपोर्ट से हुआ बड़ा खुलासा, जीडीए के कई अफसर नपेंगे
डेली संवाद, लखनऊ/गाजियाबाद
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के कुछ अधिकारियों और दो रिएल एस्टेट कारोबारियों ने मिलकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को 572 करोड़ रुपए का चूना लगाया है। इस पूरे खेल में उप्पल चड्ढा हाईटेक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और सनसिटी हाईटेक प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टरों के साथ जीडीए के अधिकारियों की मिलीभगत सामने आ रही है। इसका खुलासा कैग की रिपोर्ट में हुआ है, जो पिछले दिनों विधानसभा के पटल पर रखी गई थी।
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विधानसभा के पटल पर कैग रिपोर्ट के सामने आते ही गाजियाबाद से लेकर राजधानी लखनऊ तक हलचल मच गई है। इस मामले में जहां सरकार बड़ी कार्रवाई करने जा रही है, वहीं इनफोर्समेंट डाइरेक्टोरेट (ईडी) भी जांच शुरू करने जा रही है। क्योंकि मामला कई करोड़ों के मनी लांड्रिंग स्कैंडल से जुड़ रहा है।
CAG रिपोर्ट के बाद मामले की जांच करेगी ईडी
कॉम्प्ट्रॉलर और ऑडिटर जर्नल (CAG) रिपोर्ट आने के बाद पूरे मामले में ईडी में जुड़ने जा रही है। सरकारी खजाने की इतनी बड़ी लूट और जीडीए को इतना बड़ा घाटा होने पर उत्तर प्रदेश सरकार सकते में है। कैग रिपोर्ट के विधानसभा में पेश होने के बाद ईडी इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच शुरू करने जा रही है।
सूत्र बता रहे हैं कि ईडी को यह शक है कि इस गोरखधंधे में उप्पल चड्ढा हाईटेक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और सनसिटी हाईटेक प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टरों और सरकारी अफसरों द्वारा मिलीभगत कर रिश्वतखोरी और मनी लांड्रिंग का स्कैंडल सामने आ सकता है। ईडी के उच्च स्तरीय सूत्रों के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों में इन दोनों कंपनियों के डायरेक्टरों को और उत्तर प्रदेश सरकार के कुछ बड़े अधिकारियों को नोटिस भेज कर जांच में शामिल होने के लिए बुलाया जा सकता है।
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चड्ढा और सनसिटी हाईटेक को पहुंचाया लाभ
कैग रिपोर्ट में साफ कहा गया 401 करोड़ का अनुचित लाभ सीधे उपल चड्ढा और हाइटेक बिल्डर को दिया गया। कैग रिपोर्ट के अनुसार सन सिटी हाईटेक इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड को 171 करोड़ 18 लाख का लाभ दिया गया। वर्ष 2005 में मास्टर प्लान 2021 को दी गई मंजूरी दी गई थी। मास्टर प्लान के अनुसार निजी डवलपर सर्किल रेट के मुताबिक चेंज आफ लैंड यूज के शुल्क का भुगतान भी नहीं किया।