डेली संवाद, जालंधर
जालंधर नगर निगम के अफसर औऱ कौंसलर कालोनाइजरों के आगे सरैंडर हो गए हैं। मेयर और कमिश्नर के आदेश के बाद भी बिल्डिंग ब्रांच के अफसर और इंस्पैक्टर अवैध कालोनियों और निर्माणों पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। शहर और शहर के बाहर अवैध कालोनियां कट रही हैं, अवैध निर्माण हो रहे हैं। जिससे निगम खजाने को करोड़ों रुपए की चपत लगाई जा रही है।
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लम्मा पिंड के आगे थ्री स्टार कालोनी के पास ही हरदयाल कालोनी के साथ अवैध कालोनी डेवलेप की जा रही है। कोटला रोड पर अवैध कालोनी काटने के साथ साथ अवैध निर्माण किए जा रहे हैं। यहां कामर्शियल अवैध निर्माण हो रहा है। हरदयाल नगर के लोगों ने इसकी शिकायत कौंसलर, मेयर और कमिश्नर से की, लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ।
हालत यह है कि लाकडाउन की आड़ में कालोनाइजरों और निगम के अफसरों ने सांठगांठ कर लिया है। जिससे नगर निगम के खजाने को करारी चपत लग रही है। जो पैसा निगम के खजाने में फीस के रूप में जमा होना था, वह इंस्पैक्टर से लेकर बिल्डिंग ब्रांच के अफसरों और उच्च अधिकारियों की जेब में जा रहा है।
शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं
हरदयाल नगर के लोगों ने बताया कि इसकी शिकायत इलाके के कौंसलर से की गई। कौंसलर ने कहा कि उसकी न तो मेयर सुनते हैं और न ही कमिश्नर, जिससे इंस्पैक्टर अपनीमनमानी कर रहा है। इसके बाद लोगों ने इसकी शिकायत मेयर जगदीश राजा और कमिश्नर करुणेश शर्मा को सौंपी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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देख रहे हैं, देखेंगे, इंस्पैक्टर से रिपोर्ट लेंगे
अवैध कालोनियों और निर्माणों को लेकर नगर निगम के बिल्डिंग ब्रांच के मुखिया का एक ही डायलाग है कि देख रहे हैं, देखेंगे, इंस्पैक्टर से रिपोर्ट लेंगे। लेकिन एक्शन नहीं होता। उल्टे शिकायतकर्ता को धमकी दी जाती है। एक तरफ जहां पंजाब सरकार का खजाना खाली है, वहीं जालंधर के अफसर दोनों हाथों से खजाने की बजाए अपनी जेबें भर रहे हैं।









