श्री गुरू तेग़ बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व के अवसर पर ‘सरबत दा भला’ के लिए की गई अरदास में मुख्यमंत्री हुए शामिल

Daily Samvad
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captain amrinder singh

डेली संवाद, चंडीगढ़
कोविड प्रतिबंधों के मद्देनज़र पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह आज श्री गुरु तेग़ बहादुर साहिब जी के 400वें प्रकाश पर्व के पवित्र अवसर पर ‘चढ़दी कला’ और ‘सरबत दा भला’ के लिए की गई अरदास में लोगों के साथ वर्चुअल तौर पर शामिल हुए। महामारी के चुनौतीपूर्ण हालात में मानवता की सुरक्षा और भलाई के लिए अरदास करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने लोगों को गुरू साहिब जी द्वारा प्रेम, धर्मनिरपेक्षता, धार्मिक सहनशीलता, धर्म मानने की स्वतंत्रता और शांतमयी सह-अस्तित्व के दिए गए सर्वव्यापी संदेश को अपनाने की अपील की।

इस पवित्र दिवस को मानवता और धार्मिक स्वतंत्रता की ख़ातिर गुरू साहिब जी के सर्वोच्च बलिदान के संदेश के प्रसार के लिए मौका करार देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नौवें गुरू साहिब जी का जीवन और दर्शन समूचे विश्व के लिए प्रेरणा का स्रोत है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आगे कहा कि वह स्वयं को भाग्यशाली समझते हैं कि उनको अपने पिछले शासनकाल के दौरान साल 2004 में अमृतसर में हरिमंदिर साहिब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रकाश दिवस की 400वीं वर्षगांठ मनाने, श्री मुक्तसर साहिब में 40 मुक्तों की याद में एक स्मारक सहित अनेकों स्मारक स्थापित करने और फतेहगढ़ साहिब में कई यादगारी गेट बनाने का सौभाग्य हासिल हुआ।

प्रकाश पर्व मनाने का आशीर्वाद प्राप्त हुआ

उन्होंने कहा, “हमें मौजूदा कार्यकाल के दौरान भी श्री गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व और श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी का 350वां प्रकाश पर्व मनाने का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है।“ मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार ने नौवें पातशाह जी के प्रकाश दिवस को धूम-धाम से मनाने के लिए पुख़्ता प्रबंध किये थे जिनके अंतर्गत गुरू का महल (अमृतसर) से श्री आनन्दपुर साहिब तक नगर कीर्तन सजाना, श्री आनन्दपुर साहिब में श्री अखंड पाठ और कीर्तन दरबार करवाने के अलावा गुरू साहिब जी के जीवन और शिक्षाओं को मूर्तिमान करने के लिए प्रदर्शनियाँ, हस्तशिल्प पर एक प्रदर्शनी, पंजाबी साहित्य महोत्सव, नाटक (हिंद दी चादर), खेल समारोह, मल्टी मीडिया लाईट एंड साउंड शो और एक सूफ़ी संगीत समारोह करवाया जाना था।

हालाँकि, कोविड की दूसरी और घातक लहर ने इन योजनाओं को बदलने के लिए मजबूर कर दिया और यह समारोह अब वर्चुअल तौर पर करवाए जा रहे हैं जिससे बड़े जमावड़ों से बचा जा सके और सार्वजनिक सुरक्षा को यकीनी बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि साल भर चलने वाले समारोहों के दौरान जब भी स्थिति में सुधार होगा तो इस ऐतिहासिक दिवस को मनाने के लिए विशाल समारोह करवाया जायेगा।

एक दिवसीय कीर्तन दरबार सजाया गया

आज के पवित्र अवसर पर एक दिवसीय कीर्तन दरबार सजाया गया जिसमें भाई गुरमीत सिंह शांत, भाई मनजीत सिंह शांत, डॉ. निवेदिता उप्पल, भाई गगनदीप सिंह गंगानगर वाले, भाई सुखजिन्दर सिंह, भाई अरविन्दर सिंह नूर, भाई तार बलबीर सिंह और भाई बलवंत सिंह नामधारी समेत कई प्रमुख रागी सिंहों ने कीर्तन किया जो विभिन्न टी.वी. चैनलों और डिजिटल प्लेटफार्मों के द्वारा प्रसारित हुआ।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने टाईम्ज़ ऑफ इंडिया ग्रुप द्वारा तैयार की गई कॉफी टेबल बुक ‘प्रगट भए गुर तेग़ बहादुर’ और सूचना एवं लोक संपर्क विभाग, पंजाब द्वारा प्रकाशित करवाई गई एक यादगारी किताब जारी की। इस यादगारी किताब में श्री गुरु तेग़ बहादुर जी के जीवन और दर्शन से सम्बन्धित घटनाओं को दिखाया गया है। इस अवसर पर पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों बारे मंत्री चरनजीत चन्नी ने कहा कि धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए श्री गुरु तेग़ बहादुर साहिब जी के बेमिसाल बलिदान ने दुनिया के सामने एक मिसाल कायम की है।















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