Big News: नवजोत सिद्धू के तल्ख तेवर से कांग्रेस हाईकमान खफा, पार्टी से हो सकती है छुट्टी!

Daily Samvad
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navjot singh sidhu

डेली संवाद, चंडीगढ़/नई दिल्ली 
पंजाब कांग्रेस में कलह जारी है। पंजाब के घमासान को शांत करने के लिए गठित कमेटी ने दो दर्जन से अधिक विधायकों के अलावा सांसदों और नेताओं से मुलाकात कर उनकी शिकायत दर्ज की। बुधवार को यानि आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह नई दिल्ली में कमेटी के साथ मीटिंग कर अपना पक्ष रखेंगे। वहीं, सूत्र बता रहे हैं कि अधिकतर विधायकों और मंत्रियों ने कैप्टन को सही ठहराया है, जिससे नवजोत सिंह सिद्धू की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

हालांकि पहले दिन उच्च स्तरीय कमेटी की नेताओं को बयानबाजी से परहेज की हिदायत का नवजोत सिंह सिद्धू पर कोई फर्क नहीं पड़ा। कमेटी के सामने अपनी बात रखने के बाद बाहर आए सिद्धू के वही तेवर दिखे जो लंबे समय से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ रहे हैं। दूसरे दिन 25 से अधिक नेता जिसमें अधिकतर विधायक थे अपनी शिकायत दर्ज कराने पहुंचे। नवजोत सिंह सिद्धू भी कमेटी के सदस्यों से रूबरू हुए। मुलाकात के बाद बाहर मीडिया में सिद्धू के तेवर वैसे ही थे जैसे पंजाब में।

दो साल से मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत पर उतारू सिद्धू

साफ है कि सिद्धू जो करीब दो साल से मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत पर उतारू हैं इस बार आरपार की लड़ाई और नेतृत्व की ओर से अंतिम फैसला चाहते हैं। तभी उन्होंने कहा,  हाईकमान के बुलावे पर मैं पंजाब की आवाज पहुंचाने आया हूं। मेरा जो स्टैंड था वही रहेगा।

उनका कहना है कि योद्धा वही है जो रण के अंदर जूझे। सत्य प्रताड़ित हो सकता है लेकिन पराजित नहीं। सिद्धू ने इशारों में कैप्टन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, पंजाब की जीत होगी। पंजाब के लोगों ने लोकतांत्रिक ताकत सरकार को दी है। टैक्स जो सरकार को जाता है वो लौटकर लोगों तक पहुंचे। पंजाब के सच और हक की आवाज हमने बुलंदी से बताई है पंजाब ही जीतेगा।

कैप्टन के समर्थक विधायक भी पहुंचे

दूसरी ओर कैप्टन के समर्थन में भी विधायकों का गुट सक्रिय है जिसने सिद्धू के बड़बोलेपन, अनुशासनहीनता और वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा की शिकायत की है। बेअंत सिंह के परिवार से विधायक गुरकीरत सिंह कोटली ने कहा, सिद्धू को इतनी जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। पार्टी में नेताओं के बीच कोई टेंशन नहीं है। सबके अलग विचार हो सकते हैं अपनी बात कहने का लोकतांत्रिक अधिकार है। मीडिया में अलग अलग बातें पार्टी को कमजोर करती हैं। चर्चा यह है कि पार्टी हाईकमान सिद्धू के तल्ख तेवर से बेहद खफा है, जिससे सिद्धू की पार्टी से छुट्टी हो सकती है।




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