कांग्रेसी शीर्ष पद के लिए लड़ रहे हैं, लोगों को यह लड़ाई बहुत मंहगी पड़ रही: मजीठिया

Daily Samvad
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डेली संवाद, खन्ना
पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की शीर्ष कुर्सी की लड़ाई ने डीएसपी हरजिंदर सिंह की जान ले ली, जिसके परिवार ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से तथा स्वास्थ्य तथा वित्तमंत्री से उनके फेफड़ों के प्रत्यारोपण के लिए गुहार लगाई थी पर उनकी गुहार का बहरे कानों पर कोइ असर नही हुआ।

पूर्व मंत्री ने जोर देकर कहा कि पंजाबियों को इसीलिए नुकसान हो रहा है , क्योंकि कांग्रेस ने लोगों को उनके भाग्य के सहारे छोड़ दिया है तथा कांग्रेस सरकार जिनके नेता यां तो मुख्यमंत्री को हटाने के लिए यहां शीर्ष पद अपने पास करने के लिए दिल्ली की ओर भागने में व्यस्त हैं। डीएसपी हरजिंदर सिंह के मामले में, जिनकी फाइल एक कमरे से दूसरे कमरे तक जाती रही, पर उनकी कोई सहायता नही की गई’।

5 हजार लोगों को जाने गंवानी पड़ी

अब स्थिति यह हो गई है कि मुख्यमंत्री के गृहनगर पटियाला के मेडिकल काॅलेज में मृत्यु दर सबसे ज्यादा है। इसी तरह मोहाली के सरकारी क्षेत्र में एक भी वेंटिलेटर नही है, जोकि स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू का हलका है, जबकि सभी वेंटिलेटर निजी अस्पतालों को दे दिए गए हैं। जिसके कारण 15 हजार लोगों को जाने गंवानी पड़ी हैं।

बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि वैक्सीन और फतेह किट घोटाले भी कांग्रेस सरकार सरकार की पूरी संवेदनहीनता का प्रतीक हैं। ‘ कांग्रेस सरकार ने कोविड महामारी की वैक्सीन तथा दवाओं के पैसे से कमाई करके लोगों की जिन्दगियों से खेलने का रास्ता चुना है। उन्होने कहा कि यह बेहद निंदनीय है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई न करके उनका सरंक्षण कर रहे हैं’। उन्होेने कहा कि शिरोमणी अकाली दल हरगिज चुप नही बैठेगा। हम 15 जून को मुख्यमंत्री के आवास का घेराव करेगे तथा सिद्धू की वैक्सीन तथा फतेह किट घोटाले की सीबीआई जांच की मांग करने के अलावा बर्खास्त करने की मांग करेंगे।

सरकारी अस्पतालों को अपग्रेड करने में नाकाम

मजीठिया ने सवाल का जवाब देते हुए सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं की कमी के बारे में बोलते हुए कहा कि सरकार पिछले साल कोविड महामारी पर 1100 करोड़ रूपये खर्च करने का दावा करने के बावजूद सरकारी अस्पतालों को अपग्रेड करने में नाकाम रही है। ‘ यह भी एक बहुत बड़ा घोटाला है’। उन्होने कहा कि डेढ़ साल से राज्य में कोविड महामारी का संकट आया है, तबसे सरकार ने लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए कुछ नही किया है।

उन्होंने कहा कि 17 जिलों में तो आईसीयू की सुविधा तक नही है। केंद्र से प्राप्त वेंटिलेटर निजी संस्थानों को दिए जाने से वे खचाखच भरे पड़ें हैं जबकि सरकारी अस्पताल ने उन्हे चलाने के लिए कर्मचारियों की भर्ती करने में भी विफल रही है। सरदार मजीठिया ने कहा कि ब्लाॅक स्तर पर कोविड सेंटर खोलने तक का कोई प्रयास नही किया गया है। आप पहले ही देख चुके हैं कि कैसे राज्य ने 400 रूपये में वैक्सीन




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