डेली संवाद, जालंधर
भाजपा के वरिष्ठ नेता और जालंधर के पूर्व मेयर सुनील ज्योति ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के कुछ वरिष्ठ कार्यकर्ता इन दिनों किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार से अलग रुख अपनाए हुए हैं। उनका कहना है कि किसान आंदोलन के कारण पंजाब में माहौल खराब हो रहा है और आपसी भाईचारे को भी नुकसान हो रहा है उनको यह बात याद रखनी चाहिए कि पंजाब में कुछ तत्व ऐसे हैं जो किसान आंदोलन से पहले भी पंजाब का माहौल बिगाड़ने पर आमादा थे।
सुनील ज्योति ने कहा कि बरगाड़ी कांड मलेरकोटला में पवित्र कुरआन शरीफ का अपमान, नामधारी सिख समुदाय की माता श्री मती चरणजीत कौर और संघ सह प्रमुख ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा की हत्या जैसे कई काण्ड करके वे पंजाब का माहौल खराब करने की बार-बार कोशिशें करते रहे हैं। अब उन्होंने किसान आंदोलनों के मंच को हथिया कर ऐसी बातें करनी शुरू कर दी है।
ऐसे प्रयासों का मुंहतोड़ जवाब दिया जाता
सुनील ज्योति ने कहा कि जरूरत तो इस बात की थी कि ऐसे प्रयासों का मुंहतोड़ जवाब दिया जाता जिससे सामाजिक सौहार्द और आपसी भाईचारा बढ़ता कृषि कानून न तो पंजाब के खिलाफ है ना किसी वर्ग के खिलाफ। कृषि सुधार कानून तो किसानों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए बनाए गए हैं। हमारे वरिष्ठ नेताओं को पंजाब के किसानों को कृषि कानूनों के लाभ समझाने चाहिए थे।
उन्होंने कहा कि यह तो मोदी जी संसद के पटल पर कह चुके हैं कि इस कानून की कोई भी धारा किसी के लिए अनिवार्य नहीं फिर भी किसान आंदोलित हैं और केंद्र सरकार उनकी शंकाएं दूर करने को तैयार है पिछले दिनों कृषि मंत्री श्री नरेंद्र तोमर ने किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता फिर से दोहराई है।
किसानों को कृषि सुधार कानूनों के बारे में समझाना चाहिए
सुनील ज्योति ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए किसानों को कृषि सुधार कानूनों के बारे में समझाना चाहिए था और कांग्रेस की नाकामी जैसे फतेह किट में घोटाला, वैक्सीन बेचने में घोटाला, स्मार्ट सिटी फंड और अमृत फंड में घोटाला, अनुसूचित जाति स्कॉलरशिप में घोटाला, रेत खनन और शराब में घोटाला करके जैसे घोटाले करके पंजाब की कांग्रेसी सरकार घोटालों की सरदार बनकर रह गई है।
सुनील ज्योति ने कहा कि हमें पंजाब में पंजाब वासियों के हित के लिए इन महाघोटालों के विरुद्ध डटकर अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता सत्ता सुख के लिए नहीं अपितु देश सेवा के लिए राजनीति के क्षेत्र में आता है सत्ता मिले या ना मिले मेरा देश सर्वोपरि होना चाहिए इसीलिए हमारा भी वाक्य है तन समर्पित मन समर्पित और यह जीवन समर्पित चाहता हूं देश की धरती तुझे कुछ और भी दूं। हमें पूरा विश्वास है कि इस माहौल में भी पार्टी का कार्यकर्ता पार्टी की नीतियों के समर्थन में डटकर खड़ा रहेगा।