नाबालिग लड़कियों की लगती थी बोली, फिर करवाते थे जिस्मफरोशी का धंधा, 5 गिरफ्तार

Daily Samvad
4 Min Read

sex racket

लखनऊ। गोमतीनगर पुलिस ने पूर्वोत्तर राज्यों से नाबालिग लड़कियों की तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। वीरवार देर रात को विशेष अभियान के तहत पांच मानव तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गये आरोपियों के चंगुल से दो नाबालिग लड़कियों को मुक्त कराया गया। आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।

एडीसीपी पूर्वी एसएम कासिम आब्दी के मुताबिक गुरुवार रात को सूचना मिली कि गोमतीनगर के विपुल खंड इलाके में पूर्वोत्तर राज्यों की कुछ किशोरियों की तस्करी करने वाले गिरोह सक्रिय है। यह गिरोह किशोरियों से वेश्यावृत्ति कराता है। जानकारी होने के बाद प्रभारी निरीक्षक केशव कुमार तिवारी के नेतृत्व में टीम तैयार की गई।

पुलिस टीम ने घेराबंदी कर विपुलखंड के ओवर ब्रिज के नीचे रेलवे लाइन केपास से पांच लोगों को गिरफ्तार किया। इसमें दो महिलाएं और तीन पुरूष शामिल है। पकड़े गये आरोपियों के पास से पुलिस ने दो किशोरियों को मुक्त कराया है। एडीसीपी के मुताबिक पकड़े गये आरोपियों में गाजीपुर थानाक्षेत्र के मुरारीनगर निवासी सनी गुप्ता, वहीं 30 साल की महिला, असम के नगांव के मुराजर बाजार निवासी फैजुद्दीन, उसकी पत्नी ओर इंदिरानगर में किराए पर रहने वाला राहुल गौतम शामिल है। राहुल बरेली का रहने वाला है।

असम की किशोरियां मुक्त कराई गई

प्रभारी निरीक्षक गोमतीनगर केशव कुमार तिवारी के मुताबिक यह गिरोह पूर्वोत्तर राज्यों से किशोरियों को बहलाफुसलाकर लाते हैं। इसके बाद उनसे वेश्यावृत्ति कराते है। पुलिस ने विशेष अभियान के तहत इन आरोपियों के पास से दो किशोरियों को मुक्त कराया। पूछताछ में सामने आया कि मुक्त कराई गई किशोरियां मूलरूप से असम की रहने वाली है। उनको लखनऊ में कुछ दिन पहले लाया गया था।

पुलिस के मुताबिक किशोरियों को बेचने की तैयारी थी। लेकिन अभी सौदा तय नहीं हो सका था। इसी बीच उनसे वेश्यावृत्ति कराई जाने लगी। दोनों किशोरियों को वेश्यावृत्ति के लिए ही लेकर विपुलखंड ओवरब्रिज के पास पहुंचे थे। इसकी जानकारी होने पर पुलिस ने दबोच लिया है।

50 हजार से एक लाख में बेची जाती है किशोरियां

एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव के मुताबिक यह गिरोह किशोरियों को लखनऊ लाने केबाद उनका सौदा करता है। सौदा करने के लिए कोई दाम तय नहीं होता है। पूछताछ में सामने आया कि किशोरियों को 50 हजार रुपये से एक लाख रुपये में बेचते हैं। इस गिरोह के पास से बरामद दो किशोरियों को भी बेचने की तैयारी थी। पुलिस केमुताबिक गिरोह के सदस्य सिर्फ लखनऊ में ही नहीं है। वह जहां सौदा तय हो जाता है । वहीं किशोरियों को लेकर चले जाते हैं।

गिरोह के सभी सदस्यों का हिस्सा भी उनकी भूमिका पर तय रहती है। इसमें किसी भी तरह सौदेबाजी नहीं होती है। पुलिस पकड़े गये आरोपियों से पूछताछ कर रही है। ताकि राजधानी सहित आसपास केजिलों में फैले नेटवर्क को तोड़ा जा सके। पुलिस बरामद किशोरियों के परिवारीजनों से संपर्क कर रही है।















Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *