कोलकाता। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव हारने के बाद भाजपा को एक और झटका लगा। दरअसल, भाजपा के बड़े नेता मुकुल रॉय ने घर वापसी कर ली यानी वह टीएमसी में लौट गए। दरअसल, वह अपने बेटे सुभ्रांशु के साथ तृणमूल कांग्रेस के मुख्यालय पहुंचे और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी से मुलाकात की। दोपहर साढ़े तीन बजे उन्होंने टीएमसी की सदस्यता ग्रहण की।
इस दौरान अभिषेक बनर्जी भी मौजूद रहे। इस दौरान सुभ्रांशु रॉय भी भाजपा का साथ छोड़कर टीएमसी में शामिल हो गए। इस बीच पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी के भी टीएमसी में आने की अटकलें लगने लगीं, जिसे उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया।
मुकुल ने सबसे पहले छोड़ी थी टीएमसी
टीएमसी से भाजपा में जाने वाले नेताओं की कतार लगी थी तो उसमें मुकुल रॉय सबसे पहले नंबर पर थे। वह ममता बनर्जी के सबसे खास माने जाते थे, लेकिन पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाकर उन्हें टीएमसी से बाहर कर दिया गया था। बता दें कि इस वक्त भाजपा में ऐसे कई नेता हैं, जो टीएमसी में लौटने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में मुकुल रॉय को लेकर लगातार अटकलें लग रही थीं।
सूत्रों का कहना है कि पश्चिम बंगाल भाजपा में सुवेंदु अधिकारी का कद लगातार बढ़ रहा है। उन्हें नेता विपक्ष भी बनाया गया है। ऐसे में मुकुल रॉय की बेचैनी लगातार बढ़ रही थी, जिसके चलते उन्होंने अपनी पुरानी पार्टी में लौटने का मन बना लिया। इस मसले पर टीएमसी नेता सौगत रॉय ने भी संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था, ‘ऐसे कई लोग हैं, जो अभिषेक बनर्जी के संपर्क में हैं और वापस आना चाहते हैं।
ये हैं सॉफ्टलाइनर और हार्डलाइनर
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि पार्टी छोड़कर लौटने वालों को दो कैटिगरी में बांटा जा सकता है। ये हैं सॉफ्टलाइनर और हार्डलाइनर। सॉफ्टलाइनर वे हैं, जिन्होंने पार्टी तो छोड़ी, लेकिन ममता बनर्जी का कभी अपमान नहीं किया। हार्डलाइनर वे हैं, जिन्होंने ममता बनर्जी के बारे में सार्वजनिक रूप से बयान दिए। अहम बात यह है कि मुकुल रॉय ने ममता बनर्जी पर निजी तौर पर कोई आरोप नहीं लगाए। ऐसे में उन्हें सॉफ्टलाइनर माना जाता है।