चंडीगढ़। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की तबीयत बिगड़ गई है। शिअद प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने उनके खराब स्वास्थ्य की पुष्टि की है। बड़े बादल को कोटकपूरा गोलीकांड मामले में गठित नई एसआईटी ने 16 जून को तलब किया हुआ है। अब वे एसआईटी के सामने पेश नहीं होंगे। एसआईटी ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को 16 जून को सुबह 10:30 बजे पावर हाउस रेस्ट हाउस, फेज 8, मोहाली में तलब किया है।
बता दें कि इसी साल अप्रैल में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कोटकपूरा गोलीकांड पर पेश की गई एसआईटी की जांच रिपोर्ट को रद्द कर दिया था और नई एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद मामले की जांच के लिए एडीजीपी एलके यादव के नेतृत्व में नई एसआईटी का गठन किया गया था। इस टीम को छह माह में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपनी है। पूछताछ के पीछे का कारण यह है कि अक्तूबर, 2015 में कोटकपूरा गोलीकांड हुआ था, उस समय प्रकाश सिंह बादल पंजाब के मुख्यमंत्री थे।
इन सवालों के जवाब तलाश रही एसआईटी
- गोली चलाने के किसने दिए थे आदेश?
- क्या पुलिस ने अपने बचाव में चलाई थी गोली?
- गोली चलाने के पीछे कोई राजनीतिक दबाव तो नहीं था?
अब तक इनसे हो चुकी है पूछताछ
कोटकपूरा गोलीकांड मामले एसआईटी अब पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी समेत तीन पुलिस अफसरों का नार्को टेस्ट कराने की तैयारी में है। एसआईटी ने शुक्रवार को फरीदकोट की अदालत में आवेदन दाखिल कर पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी, निलंबित आईजी परमराज सिंह उमरानंगल व पूर्व एसएसपी चरनजीत सिंह शर्मा का नार्को, लाई डिटेक्टर व ब्रेन मैपिंग टेस्ट करवाने की इजाजत मांगी है। इस आवेदन पर अदालत ने संबंधित पुलिस अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।
यह था मामला
अक्तूबर, 2015 में फरीदकोट में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन अंग बिखरे पाए जाने के बाद कोटकपूरा में सिखों ने विरोध प्रदर्शन किया था। 14 अक्तूबर, 2015 को कोटकपूरा में पुलिस ने प्रदर्शन कर रही भीड़ पर फायरिंग कर दी थी। इसमें दो लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे।