लखनऊ। विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के तिलहर प्रत्याशी की मदद करने के आरोप में 25 पुलिस कर्मियों को निगोही थाने से हटाकर पुलिस लाइन भेज दिया गया। उनके स्थान पर पुलिस लाइन से दूसरे स्टाफ निगोही थाने में तैनात कर दिए गए हैं। एसएचओ को मतदान के दिन ही हटा दिया गया था।
विधानसभा चुनाव के दौरान 14 फरवरी को मतदान के दिन सपा प्रत्याशी रोशनलाल वर्मा और भाजपा प्रत्याशी सलोना कुशवाहा के समर्थकों के बीच फर्जी वोटिंग को लेकर विवाद हो गया था। सपा के समर्थकों ने गाड़ी से उतार कर भाजपा नेता की पिटाई तक कर दी थी। इस मामले की शिकायत करने गए भाजपा नेता और उनके समर्थकों को निगोही पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर सड़क पर पीटा था, जिसके वीडियो वायरल हुए थे।
एसएचओ को लाइन हाजिर कर दिया गया
उस वक्त भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया था कि पुलिस की गाड़ियों का इस्तेमाल सपा प्रत्याशी ने अपने चुनाव में किया था, जो काम वह नहीं कर पाए, वह निगोही थाने के स्टाफ ने किया था। काफी बवाल के बाद निगोही के उस वक्त के एसएचओ को लाइन हाजिर कर दिया गया था। उनके स्थान पर दूसरे एसएचओ की तैनाती कर दी गई थी।
मुकदमा दोनों ओर से दर्ज किया गया था। पर एसएचओ के बाद वहां 25 पुलिसकर्मी (दरोगा, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल) और भी थे, जो सपा प्रत्याशी रोशनलाल के खास माने जा रहे थे। इस दौरान नई सरकार के गठन से पहले एसपी ने उन सभी 25 पुलिसकर्मियों को रविवार को लाइन में आमद कराने के आदेश कर दिए गए।
आदेश में यह लिखा गया है कि इन सभी को पुलिस लाइन में रहकर ट्रेनिंग दिए जाने की जरूरत है। शाहजहांपुर एसपी एस आनंद ने कहा, निगोही थाने के स्टाफ को ट्रेनिंग के लिए लाइन में भेजा गया है, यह एक रूटीन प्रक्रिया है। यह कोई कार्रवाई नहीं है। स्टाफ हटाए जाने को लेकर सोशल मीडिया पर चल रही पोस्ट अफवाह है।
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