Navratri 2022: कब से हो रही है नवरात्री शुरू, क्या है इसका शुभ मुहूर्त, पढ़े सारी जानकारी

Daily Samvad
3 Min Read

डेली संवाद, जालंधर। Navratri 2022: शारदीय नवरात्री 26 सितंबर दिन सोमवार से शुरू होने जा रहे है। इस दौरान भक्त मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा के लिए घटस्थापना करते हैं इसमें माँ दुर्गा के भक्त व्रत रखकर विधि विधान से पूजा करते हैं जिसमे कलश रखा जाता है। अखंड ज्योति जलाई जाती है। इससे मां दुर्गा की कृपा से हर मनोकामना पूरी होती है। हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है।

ये भी पढ़ें: जालंधर के करोड़पति का कारनामा, केएल सहगल मैमोरियल के नाम पर सरकारी जमीन हथियाई

इन नवरात्री में सबसे पहले 3 दिन मां दुर्गा को समर्पित होते हैं। वह शक्ति और ऊर्जा को दर्शाती है। अगले 3 दिन मां लक्ष्मी के लिए हैं जो समृद्धि और धन का प्रतीक हैं। अंतिम 3 दिन ज्ञान की सूचक मां सरस्वती के लिए हैं। इस दौरान देवी के नौ रूपों की भी पूजा की जाती है। शारदीय नवरात्रि 2022 घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 26 सितंबर को सुबह 06 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर सुबह 10 बजकर 19 मिनट तक रहेगा।

पूजा की सामग्री

लाल चुनरी, लाल वस्त्र, मौली, श्रृंगार का सामान, दीपक, घी/ तेल, धूप, नारियल, साफ चावल, कुमकुम, फूल, देवी की प्रतिमा या फोटो, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, बताशे या मिसरी, कपूर, फल-मिठाई व कलावा आदि। यह सारा समान नवरात्री की पूजा में शामिल होता है।

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 11 मिनट से लेकर 07 बजकर 51 मिनट तक है। वहीं सुबह 06 बजकर 11 मिनट से 07 बजकर 42 मिनट तक चौघड़िया का अमृत्त सर्वोत्तम मुहूर्त है। इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त को भी कलश स्‍थापना के लिए शुभ माना जाता है। आप दोपहर 11 बजकर 48 मिनट से 12 बजकर 36 मिनट के बीच अभिजीत मुहूर्त में भी कलश स्‍थापना कर सकते हैं।

कैसे करें कलश की स्थापना

कलश रखने से सबसे पहले घर में पूजा के स्‍थान की सफाई करें फिर एक चौकी रखकर उस पर लाल रंग का वस्‍त्र बिछाएं और मां दुर्गा की प्रतिमा रखें। दुर्गा के सामने उनके नाम की अखंड ज्योत जलाएं, फिर कोई बर्तन लेकर उसमें थोड़ी मिट्टी डालें, उसमें जौ के बीच डालें। एक कलश या घर के लोटे को अच्छे से साफ करके उस पर कलावा बांधें और स्वास्तिक बनाएं। कलश में गंगा जल डालकर पानी भरें। उसमें दूब, साबुत सुपारी,अक्षत और दक्षिणा डालें। इसके बाद कलश के ऊपर आम या अशोक 5 पत्ते लगाएं और कलश को बंद करें। इसके ढक्कन के ऊपर अनाज भरें। नारियल को लाल चुनरी में लपेटकर इसके ऊपर रखें। कलश स्‍थापना करने के बाद नौ दिनों तक इसे बिल्‍कुल न हिलाएं।

ताज महल से पहले जहांगीर ने नूरजहां की मोहब्बत में जालंधर जिले में बनवाया था नूरमहल

https://youtu.be/mx_uJlO4jtg















Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *