Maa Shailputri: ऐसे करें मां शैलपुत्री की पूजा, जानें मंत्र और आरती

Daily Samvad
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डेली संवाद, चंडीगढ़। Maa Shailputri: मान्यता है कि मां शैलपुत्री (Maa Shailputri) की पूजा करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार मां शैलपुत्री चंद्रमा को दर्शाती हैं। कहा जाता है कि उनकी उपासना से चंद्रमा के बुरे प्रभाव निष्क्रिय हो जाते हैं।

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मां शैलपुत्री हिमालयराज की पुत्री हैं। मान्यता है कि मां शैलपुत्री की पूजा करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार मां शैलपुत्री चंद्रमा को दर्शाती हैं। कहा जाता है कि उनकी उपासना से चंद्रमा के बुरे प्रभाव निष्क्रिय हो जाते हैं।

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पूजा के साथ ही मां शैलपुत्री के मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति को सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है और जीवन में खुशियां आती हैं। मां शैलपुत्री की विधिवत उपासना से धन, ऐश्वर्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

मां शैलपुत्री पूजा मंत्र

वन्दे वांछितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखरम्।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।।
पूणेन्दु निभां गौरी मूलाधार स्थितां प्रथम दुर्गा त्रिनेत्राम्॥

मां शैलपुत्री आरती

जय अम्बे गौरी
मैया जय श्यामा गौरी
तुमको निशदिन ध्यावत
हरि ब्रह्मा शिवरी
ॐ जय अम्बे गौरी

मांग सिंदूर विराजत
टीको मृगमद को
उज्ज्वल से दोउ नैना
चंद्रवदन नीको
ॐ जय अम्बे गौरी

कनक समान कलेवर
रक्ताम्बर राजै
रक्तपुष्प गल माला
कंठन पर साजै
ॐ जय अम्बे गौरी

केहरि वाहन राजत
खड्ग खप्पर धारी
सुर-नर-मुनिजन सेवत
तिनके दुखहारी
ॐ जय अम्बे गौरी

कानन कुण्डल शोभित
नासाग्रे मोती
कोटिक चंद्र दिवाकर
सम राजत ज्योती
ॐ जय अम्बे गौरी

शुंभ-निशुंभ बिदारे
महिषासुर घाती
धूम्र विलोचन नैना
निशदिन मदमाती
ॐ जय अम्बे गौरी

चण्ड-मुण्ड संहारे
शोणित बीज हरे
मधु-कैटभ दोउ मारे
सुर भयहीन करे
ॐ जय अम्बे गौरी

ब्रह्माणी, रूद्राणी
तुम कमला रानी
आगम निगम बखानी
तुम शिव पटरानी
ॐ जय अम्बे गौरी

चौंसठ योगिनी मंगल गावत
नृत्य करत भैरों
बाजत ताल मृदंगा
अरू बाजत डमरू
ॐ जय अम्बे गौरी

तुम ही जग की माता
तुम ही हो भरता
भक्तन की दुख हरता
सुख संपति करता
ॐ जय अम्बे गौरी

भुजा चार अति शोभित
वर मुद्रा धारी (खड्ग खप्पर धारी)
मनवांछित फल पावत
सेवत नर नारी
ॐ जय अम्बे गौरी

कंचन थाल विराजत
अगर कपूर बाती
श्रीमालकेतु में राजत
कोटि रतन ज्योती
ॐ जय अम्बे गौरी

श्री अंबेजी की आरती
जो कोइ नर गावे
कहत शिवानंद स्वामी
सुख-संपति पावे
ॐ जय अम्बे गौरी

जय अम्बे गौरी,
मैया जय श्यामा गौरी

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