Punjab Politics: पंजाब में लोकसभा का सेमीफाइनल, जालंधर में होगी AAP की अग्निपरीक्षा, क्या मायावती लडेंगी उपचुनाव? Ex CM चन्नी को लेकर कांग्रेस खेलेगी दांव?

Daily Samvad
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महाबीर सेठ, एडिटर। डेली संवाद, जालंधर। Punjab Politics: जालंधर लोकसभा सीट का उपचुनाव कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। हालांकि अभी उपचुनाव का ऐलान नहीं हुआ है मगर तैयारी सभी राजनीतिक पार्टियों ने शुरू कर दी है। आपको बता दें कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेसी सांसद संतोख चौधरी का दिल का दौरा पड़ने से देहांत हो गया था, जिसके बाद यह सीट खाली हो गई थी, जिसके उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं और उम्मीदवारों को लेकर एक बार फिर से घमासान छिड़ गया है।

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कांग्रेस के लिए मूंछ का सवाल इसलिए क्योंकि यह सीट उसी के पास थी इसलिए इसे अपने पास बरकरार रखना एक बड़ी चुनौती होगी। दूसरी ओर ‘आप’ के सत्ता में आने के बाद लोकसभा का पंजाब में यह दूसरा उपचुनाव है। संगरूर लोकसभा का उपचुनाव वह पहले ही हार चुकी है, ऐसे में यह सीट जीतना उसके लिए बेहद अहम हो प गया है। ‘आप’ को अपना जनाधार साबित करने के लिए हर हाल में अपना बेहतरीन प्रदर्शन करना होगा।

कांग्रेस में अभी से बवाल शुरू हो गया है। उपचुनाव को लेकर कांग्रेस दोफाड़ हो गई है। बताया जा रहा है कि जालंधर के लोकसभा उपचुनाव को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी गुट व संतोख चौधरी की पत्नी का गुट आमने-सामने हो गए हैं। दरअसल इस उपचुनाव को लेकर कांग्रेस का एक गुट पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी तो दूसरा सांसद संतोख चौधरी की पत्नी के पक्ष में उतर आया है।

कांग्रेस हरगिज इस सीट पर अपना कब्जा चाहती है

कांग्रेस एक तरफ जहां पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को उम्मीदवार बनाने के पक्ष में है तो वहीं दूसरा गुट संतोख चौधरी की पत्नी को लेकर मैदान में उतरने की हुंकार भरी है। इस पूरी स्थिति में कांग्रेस कशमकश में दिखाई दे रही है, कि आखिर कौन से उम्मीदवार को मैदान में उतारा जाए। कांग्रेस हरगिज इस सीट पर अपना कब्जा चाहती है, जिसके लिए एक अच्छी पकड़ वाले नेता को मैदान में उतारने बारे सोच रही है।

खास बात यह भी है कि जालंधर लोकसभा सीट के तहत आते 9 विधानसभा हलकों में से 5 पर कांग्रेस और 4 पर आप के विधायक काबिज हैं। इसलिए करीब बराबरी की इस टक्कर में जीत किस दल के हाथ लगती है, ये स्थानीय वोटर ही तय करेगा। दोनों दलों के लिए इस चुनौती के कारण अपनी जीत यकीनी बनाना जरूरी हो गया है।

बीजेपी ने अभी से ही अपनी तैयारी शुरू कर दी

उधर, उपचुनाव के लिए शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन की तरफ से पुराने टकसाली बसपाई को उम्मीदवार के तौर पर चुनावी रण में उतारा जाएगा। उप चुनाव घोषित होने के बाद बसपा सुप्रीमो एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती बकायदा तौर पर जालंधर में चुनावी रैलियों को भी संबोधित करेंगी। शिअद-बसपा गठबंधन की तरफ से जालंधर के लोकसभा उप चुनाव प्रचार के लिए भी संयुक्त तौर पर रणनीति तैयार कर ली गई है।

उपचुनाव के लिए बीजेपी ने अभी से ही अपनी तैयारी शुरू कर दी है. पार्टी लोकसभा चुनाव में यह सीट जीतने के लिए लगातार मेहनत कर रही है. जीत के लिए हर पहलू पर बारीकी नजर रखी जा रही है. इतना ही नहीं, अब तो एक केंद्रीय मंत्री की भी नियुक्ति कर दी गयी है, जो चुनाव के दौरान हर पहलू पर नजर रखेंगे और पार्टी को जीत दिलाने के लिए रणनीति बनाएंगे और उसे जमीन पर उतारेंगे भी.

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने जालंधर लोकसभा उपचुनाव के लिए प्रभारी और दो सह प्रभारियों की नियुक्तियां की हैं. लोकसभा उपचुनाव के लिए केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश भारती को प्रभारी बनाया गया है. वहीं प्रदेश उपाध्यक्ष केवल सिंह ढिल्लों और मुकेरियां के विधायक जंगीलाल महाजन को सह प्रभारी नियुक्त किया है. अब पार्टी का ध्यान उम्मीदवार चयन और चुनाव की तैयारियों पर है. इसके लिए माइक्रो मैनेजमेंट पर भी बल दिया जा रहा है.

इसके अलावा भाजपा भी जालंधर सीट को जीतने के लिए खास रणनीति तैयार करेगी, भाजपा के पास वर्तमान में कांग्रेस को छोड़ भाजपा में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पूर्व पीसीसी अध्यक्ष सुनील जाखड़, पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल, बलबीर सिद्धू, श्याम सुंदर अरोड़ा और डॉ. राज कुमार वेरका जैसे अनुभवी नेता हैं।

VIDEO- जालंधर लोकसभा उपचुनाव: क्या मायावती लड़ेंगी? AAP की सबसे बड़ी अग्निपरीक्षा..

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