Ganesh Chaturthi 2023: गणेश चतुर्थी व्रत के दौरान इस तरह करें भगवान गणेश की पूजा, मिलेगा फल

Daily Samvad
4 Min Read
Lord Ganesh

डेली संवाद चंडीगढ़। Ganesh Chaturthi 2023: हिंदू धर्म में भगवान गणेश की विशेष पूजा-आराधना की जाती है। किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भी गणपति बप्पा का पूजन ही किया है। गणेश भगवान को मान्यतानुसार विघ्नहर्ता कहा जाता है और माना जाता है कि जो भी भक्त गणपति बप्पा (Ganpati Bappa) की पूरे मनोभाव से आराधना करते हैं उनके सभी दुखों को बप्पा हर लेते हैं।

इस वर्ष 10 मार्च के दिन गणेश चतुर्थी व्रत की तिथि प्रारंभ हो रही है व भक्त इस दिन गणपति बप्पा के लिए व्रत रखेंगे। इस व्रत को संकष्टी चतुर्थी व्रत (Sankashti Chaturthi Vrat) भी कहते हैं। जानिए इस दिन किस तरह किया जा सकता है बप्पा का पूजन।

ये भी पढ़ें: पंजाब के CM भगवंत मान को मार देंगे! पढ़ें आतंकी की बड़ी धमकी

गणेश चतुर्थी व्रत पूजा विधि

  • गणेश चतुर्थी व्रत के दिन सुबह उठकर निवृत्त होने के पश्चात स्नान किया जाता है और स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं।
  • इसके बाद भक्त व्रत का संकल्प लेते हैं।
  • गणेश भगवान की प्रतिमा को साफ करके आसन पर रखा जाता है।
  • संकष्टी चतुर्थी व्रत की पूजा अधिकतर शाम को की जाती है।
  • अब गणेश भगवान (Lord Ganesha) की पूजा की जाती है। पूजा में अक्षत, रोली, फूल और मोदक आदि का उपयोग होता है।
  • दिनभर भक्त गणेश भगवान के ध्यान में लीन रहते हैं और गणेश भगवान की कथा सुनते-पढ़ते हैं, आरती गाते हैं और भजन सुनकर अपना समय व्यतीत करते हैं।

संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार एक दिन भगवान शिव और माता पार्वती एक साथ नदी के किनारे बैठे हुए थे। वे चोपड़ खेलना चाहते थे लेकिन वहां कोई तीसरा व्यक्ति उपस्थित नहीं था जो खेल में जीत-हार का निर्णय कर सके। इस चलते माता पार्वती और भगवान शिव ने एक मूर्ति में प्राण डाल दिए और जीवित हुए लड़के को न्यायधीश बना दिया।

ये भी पढ़ें: जालंधर के ATP ने अवैध बेसमेंट का काम रुकवाया

माता पार्वती जीत रही थीं लेकिन फिर भी गलती से लड़के ने माता पार्वती को हारा हुआ करार दिया जिससे क्रोधित होकर उन्होंने उस लड़के को लंगड़े होने का श्राप दे दिया। लड़का याचनाएं करने लगा लेकिन माता पार्वती अब श्राप वापिस नहीं ले सकती थीं। इसपर उन्होंने श्राप से मुक्ति के लिए लड़के को बताया कि वह गणेश भगवान का चतुर्थी व्रत (Chaturthi Vrat) रखे जिससे उसे अपने कष्टों से मुक्ति मिल सके।















Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *