डेली संवाद, जालंधर। PIMS: पंजाब इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल साइंसिज (पिम्स) में विश्व स्वास्थ्य दिवस पर मेडिसन विभाग में कैंप का आयोजन किया गया। कैंप में जरूरतमंद मरीजों का मुफ्त न्यूरोपेथी टेस्ट और शूगर टेस्ट किया गया। इस अवसर पर डाक्टरों ने मरीजों की जांच की। इस अवसर पर पिम्स के रेजिडेंट डायरेक्टर अमित सिंह और डायरेक्टर प्रिंसीपल डा. राजीव अरोड़ा ने कहा कि आज के ही दिन डब्लूएचओ की स्थापना हुई थी।
इस साल का थीम है हेल्थ फार आल। उन्होंने कहा कि इस थीम से ही जाहिह होता है कि स्वास्थ्य एक बुनियादी जरूरत हैं। उन्होंने आगे बताया कि पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह से कोरोना जैसी महामारी ने पूरी दुनियां को अपनी चपेट में लिया और करोड़ों लोगों ने अपनी जान गंवाई। इसके बाद यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि हर किसी को बिना किसी रुकावट के स्वास्थ्य औऱ इलाज मिल सके।
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फिर चाहे कोरोना हो, टीबी हो या फिर कैंसर जेसी बिमारीयां। इस साल का थीम सभी के लिए स्वास्थ्य इसी मकसद को दिखाती है। उन्होंने कहा कि पिम्स की ओऱ से लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहेया करवाने के लिए मेडिकल केंपों का आय़ोजन जारी रहेगा। लोग इन कैंपों में आकर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं। मेडिसन विभाग के प्रमुख डा. एन.एस नेकी ने मरीजों को जागरुक करने के लिए लेक्चर भी दिया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि खाने पीने में परहेज न करने के कारण आज लोग बहुत सारी बिमारियों के घिरे है। इममें बच्चे, बूढे, महिलाएं सब शामिल हैं। लोग घर की दाल सब्जी छोड़ पीज़ा, बर्गर, न्यूडल जैसे चाइनीज चीजे खा रहे हैं औऱ मोटापे के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोटापा बिमारियों को आमंत्रण करता है। इसलिए जरूरी है कि अपनी दिनचर्या में सैर को जरूर शामिल करें।
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डा. एच.एल काजल, डा. कुसुम बाली, डा. भवनीत कौर डांग और डा. जसविंदर कौर ने कहा कि आजकल लोग बिमारियों जैसे कि शूगर औऱ बीपी की चपेट में तो आ रहे हैं। मगर उसकी दवाइ खाने से परहेज कर रहें हैं। उन्होंने कहा कि अब हर बिमारी का इलाज संभव है।
नियमित दवाई खाने से शूगर, बीपी को भी कंट्रोल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि शूगर, बीपी औऱ मोटापा सारी बिमारयों की ज़ड़ है। अपनी डाइट में फल, हरी सब्जियों का प्रयोग जरूर करें ताकि बिमारियों पर काबू पाया जा सकें। इस अवसर पर मेडिसिन विभाग के डा. सुनील कुमार शर्मा ने भी संबोधन किया।