डेली संवाद, चंडीगढ़। Poila Baishakh 2023: अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार विश्वरभर में 1 जनवरी के दिन को नए साल के रूप में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। लेकिन इसके अलावा भारत के विभिन्न राज्यों और समुदाय के लोग अपनी-अपनी संस्कृति व परपंराओं के अनुसार नया साल मनाते हैं। बंगाली समुदाय के लोग पोइला बोइशाख के दिन को नए साल के रूप में मनाते हैं।
इस दिन लोग एक-दूसरे को नए साल की बधाई व शुभकामनाएं देते हैं और परिवार के सदस्यों और दोस्तों के बीच इस दिन का जश्न मनाते हैं। घर के सभी लोग इस दिन नए-नए कपड़े पहनकर पूजा-पाठ करते हैं और विभिन्न तरह के पकवान बनाए जाते हैं। इस साल पोइला बोइशाख या बंगाली नववर्ष शनिवार 15 अप्रैल 2023 को मनाया जाएगा।
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बंगाली नववर्ष के इतिहास को लेकर अलग-अलग विचार और मत हैं। मान्यता है कि बंगाली युग की शुरुआत 7वीं शताब्दी में राजा शोशंगको के समय हुई थी। इसके अलावा दूसरी ओर यह भी मत है कि चंद्र इस्लामिक कैलेंडर और सूर्य हिंदू कैलेंडर को मिलाकर ही बंगाली कैलेंडर की स्थापना हुई थी। वहीं इसके अलावा कुछ ग्रामीण हिस्सों में बंगाली हिंदू अपने युग की शुरुआत का श्रेय सम्राट विक्रमादित्य को भी देते हैं।
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इनका मानना है कि बंगाली कैलेंडर की शुरुआत 594 सीई. में हुई थी। बंगाली समुदाय के लोगों के बीच पोइला बोइशाख का दिन बहुत खास होता है। इस दिन लोग पवित्र नदी में स्नान कर पूजा-पाठ करते हैं। घर की साफ-सफाई कर अल्पना बनाया जाता है। मंदिर जाकर नए साल के पहले दिन भगवान का आशीर्वाद लिया जाता है। इसके बाद विशेष व्यजंन तैयार किए जाते हैं।