डेली संवाद, चंडीगढ़। Eid-ul-Adha 2023: पूरे देश में 29 जून को धूमधाम से बकरीद का त्यौहार मनाया जाएगा। इस दिन को ईद-उल-अजहा के नाम से भी जाना जाता है। इस्लाम धर्म में बकरीद को बलिदान का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बकरे की कुर्बानी देने की परंपरा है। इस्लामिक कैलैंडर के मुताबिक, 12वें महीने जु-अल-हिज्जा की 10 तारीख को बकरीद मनाई जाती है।
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यह तारीख रमजान के पवित्र महीने के खत्म होने के लगभग 70 दिनों के बाद आती है। ईद-उल-अजहा मीठी ईद के करीब दो महीने बाद आती है। जानकारी के मुताबिक, जामा मस्जिद में ईद-उल-अजहा की नमाज सुबह 6 बजकर 45 मिनट में पढ़ी जाएगी। वहीं ईदगाह में सुबह 7 बजकर 15 मिनट पर नमाज अदा की जाएगी। रजा मस्जिद में 7 बजकर 30 मिनट पर नमाज पढ़ी जाएगी।
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ईद-उल-अजहा की नमाज के बाद ही बकरे की कुर्बानी दी जाती है। कुर्बानी के बकरे को तीन हिस्सों में बांटा जाता है। पहले भाग रिश्तेदारों और दोस्तों के लिए होता है, वहीं दूसरा हिस्सा गरीब, जरूरतमंदों को दिया जाता है जबकि तीसरा परिवार के लिए होता है। बकरीद के दिन गरीबों का विशेष रूप से ध्यान रखा जाता है। यह त्यौहार नेकी की राह को दिखाता है।