Covid-19 New Variant: कोरोना के नए वेरिएंट ने बढ़ाई चिंता, जानें इसके लक्षण और प्रभाव

Daily Samvad
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डेली संवाद, नई दिल्ली। Covid-19 New Variant: कोरोना महामारी अभी लोगों के बीच दहशत की वजह बनी हुई है। इस गंभीर बीमारी से दुनियाभर में करोड़ों लोगों की जानें गईं। दुनिया पिछले कुछ वर्षों में कोविड के विभिन्न वेरिएंट के डर से जूझती रही है और अभी भी यह डर पूरी तरह से दूर नहीं हुआ है। बीते कुछ दिनों जहां इस महामारी के मामलों में गिरावट देखने को मिली थी, तो वहीं अब एक बार फिर कोरोना के नए वेरिएंट्स ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। हाल ही में कोविड के नए वेरिएंट ने एक बार फिर इस बीमारी के मामलों में बढ़ोतरी कर दी है।

हाल ही में सामने आए कोरोना के इस नए वेरिएंट को पिरोला (Pirola Variant) नाम दिया गया है। एरिस के बाद अब पिरोला वायरस ने स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल, इस नए स्ट्रेन को पहले सामने आए सभी वेरिएंट से ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है। जानकारी के मुताबिक पिरोला वेरिएंट के मामले डेनमार्क, यूके, साउथ अफ्रीका, इजराइल और स्विट्जरलैंड जैसे देशों में मिल चुके हैं। आइए जानते हैं इस नए वेरिएंट से जुड़ी सभी जरूरी बातें-

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वैज्ञानिकों की मानें तो पहले सामने आए कोरोना के अन्य वेरिएंट की तुलना में यह नया स्ट्रेन पिरोला ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। हालांकि, अभी तक इस नए वेरिएंट को लेकर वैज्ञानिकों को ज्यादा जानकारी नहीं मिली है, इसलिए इसके खतरे को लेकर सटीक जानकारी मिलनी बाकी है।

किन लोगों को है ज्यादा खतरा

पिरोला या BA.2.86 वेरिएंट ओमिक्रोन वेरिएंट का ही सब वेरिएंट हैं, जो ओमिक्रोन के XBB वेरिएंट से निकला है। वहीं, बात करें इसके लोगों को प्रभावित करने की क्षमता की तो, कोरोना के पहले सामने आए वेरिएंट के विपरीत पिरोला वेरिएंट उन लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक है, जो पहले कोविड से संक्रमित होने के बाद हर्ड इम्यूनिटी विकसित कर चुके हैं।

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विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने पिरोला को ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ की कैटेगरी में रखा है। दरअसल, डब्ल्यूएचओ की इस कैटेगरी की मतलब है कि वैज्ञानिक लगातार इस वेरिएंट की निगरानी कर रहे है। वहीं, बात करें इसके लिए वैक्सीन की तो, पिरोला पर पहले विकसित हुई वैक्सीन के असर को लेकर अभी तक कोई सही जानकारी नहीं मिल पाई है, जिसकी वजह से यह चिंता का विषय बना हुआ है।

पिरोला के लक्षण

पिरोला वेरिएंट के जीन में लगातार नजर आ रहे म्यूटेशन की वजह से इसे लेकर वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गई है। वहीं, बात करें इसके लक्षणों की, तो पिरोला और एरिस वेरिएंट दोनों ही ड्रापलेट्स से फैलते हैं। इससे संक्रमित होने पर व्यक्ति को पेट से जुड़ी परेशानियां, त्वचा से जुड़ी समस्याएं, जुकाम और बुखार जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

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