डेली संवाद, जालंधर। World Sepsis Day: विश्व सेप्सिस दिवस मनाने के लिए, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, डीएमसीएंडएच ने जागरूकता बढ़ाने और सेप्सिस के खिलाफ लड़ाई में सभी हितधारकों को एकजुट करने के उद्देश्य से एक सीएमई का आयोजन किया। इस सीएमई में सेप्सिस के समय पर निदान और प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
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डॉ. विकास सूरी, प्रोफेसर, आंतरिक चिकित्सा, पीजीआईएमईआर द्वारा “भारतीय आईसीयू में एमडीआर बग”, डॉ. विकास गौतम, प्रोफेसर, मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी, पीजीआईएमईआर द्वारा “टैकलिंग सेप्सिस- क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजिस्ट एडिंग ए क्लिनिशियन”, और डॉ. लक्ष्मी नारायण यद्दनपुडी, प्रोफेसर एवं प्रमुख एनेस्थीसिया, पीजीआईएमईआर द्वारा “सेप्सिस का प्रबंधन” जैसे विषयों पर प्रख्यात वक्ताओं द्वारा विभिन्न व्याख्यान प्रस्तुत किए गए।
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डॉ. पीएल गौतम, प्रोफेसर और प्रमुख, क्रिटिकल केयर, डीएमसीएंडएच, द्वारा एक पैनल चर्चा भी आयोजित की गई। डीएमसीएंडएच के पीजी रेजिडेंट द्वारा नैदानिक मामले प्रस्तुत किए गए। डॉ. वीनू गुप्ता, प्रमुख, माइक्रोबायोलॉजी, डीएमसी एंड एच द्वारा एमबीबीएस छात्रों के लिए एक जागरूकता वार्ता भी आयोजित की गई।
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डॉ संदीप पुरी डीएमसीएंडएच के प्रिंसिपल ने कहा कि निवासियों और सलाहकारों को सेप्सिस के संकेतों और लक्षणों के बारे में पता होना चाहिए ताकि वे अपने रोगियों का बेहतर निदान कर सकें। डॉ. वीनू गुप्ता, प्रो. एवं प्रमुख माइक्रोबायोलॉजी ने कहा कि डीएमसीएंडएच में निदान के लिए सेप्सिस मार्कर, फंगल बायोमार्कर, सिंड्रोमिक मल्टीप्लेक्स पीसीआर और स्वचालित संस्कृति और संवेदनशीलता परीक्षण जैसी नवीनतम सुविधाएं हैं।