डेली संवाद, जालंधर। DIPS News: प्री-प्राइमरी शिक्षकों के शिक्षण कौशल को बढ़ाने के लिएडिप्स चेन द्वारा डिप्स स्कूल अर्बन एस्टेट फेस -1 में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था। कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर सीईओ मोनिका मंडोत्रा और डिप्स स्कूल की निर्देशक उषा परमार ने शिरकत की।
डिप्स प्री-विंग सलाहकार मोनिका मेहता ने शिक्षकों को बताया कि वे शिक्षण अवधि के दौरान अपने कौशल को कैसे सुधार सकते हैं, जिससे वे एक उत्कृष्ट शिक्षक बन सकेंगे। कार्यशाला के दौरान अध्यापकों को किसी भी विषय में बच्चों की रूचि बढ़ाने के लिए कविताओं और कहानियों के प्रयोग के बारे में विस्तार से बताया गया।
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सर्कल टाईम में बच्चों से सलाह करना, चार्जिंग टाईम में बच्चों को रिलैक्स करने एंव बच्चों को कक्षा में यू अथवा सी शेप में बिठाने के महत्व के बारे में बताया गया। अध्यापकों को खुद के लिए अपने नाम के पहले अक्षर से एक विशेषण बनाने को कहा गया ताकि वो खुद को मोटिवेट कर सकें। अध्यापकों को नई कविताओं का अभ्यास करवाया गया।
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वर्कशाप के दौरान बढ़िया प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को सराहा गया तथा विभिन्न एक्टिविटीज़ का आयोजन भी किया गया। उन्हें प्राकृतिक बुक मार्क बनाने की विधि भी सिखाई गई। एडवाइजर मोनिका मेहता ने कहा कि प्री विंग अध्यापन जितना मज़ेदार है। उतना चुनौतीपूर्ण भी मगर धैर्य, प्यार एंव नई तकनीकों के प्रयोग से अध्यापन को कलात्मक बनाया जा सकता है।
शिक्षकों को संबोधित करते हुए सीईओ मोनिका मंडोत्रा ने कहा कि सिर्फ एक शिक्षक ही नहीं मां बन कर बच्चों को पढ़ाए। एक प्री प्राइमरी शिक्षक एक अच्छी माँ भी होती है क्योंकि छात्र बहुत छोटे बच्चे होते हैं और उन्हें बहुत अधिक ध्यान और स्नेह की आवश्यकता होती है।