डेली संवाद, नई दिल्ली। Snoring: सोते समय खर्राटे लेने की आदत आपके लिए परेशानी बन सकती है। इसका प्रभाव आपके नीजी जीवन पर भी पड़ सकता है।
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खर्राटों की आवाज से आपके साथ सो रहे आपके पार्टनर या आपके बच्चों को सोने में परेशानी हो सकती है। स्नोरिंग की परेशानी का कारण आपके एयर वे की ब्लॉकेज हो सकती है। इसके अलावा खर्राटों के कारण शर्मिंदगी का भी सामना करना पड़ सकता है।
आइए जानते हैं कुछ ऐसे उपाय जिनसे स्नोरिंग की समस्या से राहत पाई जा सकती है।
पीठ के बल न सोएं- यह सुनने में आपको थोड़ा अटपटा लग सकता है, लेकिन पीठ के बल सोने से खर्राटों की समस्या अधिक होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पीठ के बल सोते समय आपकी जीभ पीछे की तरफ चली जाती है, जिससे हवा के अंदर जाने का रास्ता ब्लॉक हो जाता है।
इस कारण से खर्राटों की समस्या होने लगती है और नींद खराब होती है। इसलिए कोशिश करें कि करवट लेकर सोएं। इससे आपका एयर वे ब्लॉक नहीं होता है। इसके लिए कई लोग अपनी पीठ के पीछे टेनिस बॉल बांधकर सोते हैं ताकि वे पीठ के बल न सो पाएं।
वजन कम करना- वजन अधिक होना स्नोरिंग की परेशानी का एक बड़ा कारण हो सकता है। इसके पीछे कारण यह होता है कि आपके गले के पास फैट अधिक हो जाता है। इससे एयर वे ब्लॉक हो जाता है और खर्राटे की समस्या हो सकती है। इसलिए हेल्दी वजन मेंटेन करना जरूरी होता है। हेल्दी डाइट, एक्सरसाइज इसमें आपकी मदद कर सकते हैं।
माउथ एक्सरसाइज- अपने जीभ और गले की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए कुछ एक्सरसाइज किए जा सकते हैं। इससे भी एयर वे ब्लॉक होने की परेशानी से बचा जा सकता है। इस एक्सरसाइज से जीभ का पोश्चर ठीक होता है और स्नोरिंग की समस्या भी कम हो सकती है।
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नेजल स्ट्रीप- सोते समय नेजल स्ट्रीप आप अपने नाक की ब्रिज पर लगा कर सो सकते हैं। इससे आपके नाक के अंदर हवा जाने की जगह बढ़ जाती है। क्योंकि नेजल पैसेज में जगह अधिक हो जाती है, इससे खर्राटे की समस्या भी कम हो सकती है। यह एयर फ्लो के रेजिस्टेंस को कम करता है, जिससे सांस लेने में तकलीफ नहीं होती।
स्मोकिंग बंद करें- स्मोकिंग आपकी पूरी सेहत के लिए हानिकारक होता है। आपके दिल और फेफड़ों के साथ ही यह आपकी सांस की नली को भी संकरा कर देता है, जिससे खर्राटों की समस्या शुरू हो सकती है और अगर पहले से यह समस्या है, तो और अधिक हो सकती है। इसलिए स्मोंकिंग करना बंद कर दें।
अगर आपके खर्राटों की समस्या बढ़ने लगे या इन उपायों से कोई फर्क न पड़े तो आपको तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके साथ ही अगर स्लीप एप्निया के लक्षण जैसे सोते समय सांस का रूकना, मुंह का सूखना, उठते समय सिर दुखना आदि दिखने शुरू हो, तो भी अपने डॉक्टर से मिलें।