PIMS: पंजाब इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल साइसिज में मनाया गया विश्व डायबीटीज दिवस

Daily Samvad
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डेली संवाद, जालंधर। PIMS: पंजाब इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल साइसिज (पिम्स) में विश्व डायबीटीज दिवस मनाया गया। इस अवसर पर मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर एंड हैड डा. एन.एस नेकी, रेजिडेंट डायरेक्टर, अमित सिंह, कार्यकारी निदेशक डॉ. कंवलजीत सिंह डायरेक्टर प्रिंसीपल डॉ. राजीव अरोड़ा, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ . पुनीत खुराना, डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. तानिया मोदगिल ने लोगों को जागरुक किया।

इस अवसर पर रेजिडेंट डायरेक्टर अमित सिंह ने कहा कि इस साल का थीम है एक्सेस टू डायबिटीज केयर। यानि मेटालबाँलिक डिसआर्डर से जुड़ी बिमारियों और मधुमेह मेलिटससेट के बारे में जागरुक करना है। इससे मरीज को शरीर में ब्लड शूगर लेवल को कंट्रोल रखने में मदद मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि शूगर की वजह से मरीज को कई ओर बिमारियां घर लेती इसलिए डाक्टर शूगर को लेकर कई तरह की सावधानियां बरतने की ललीह देते हैं।

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कार्यकारी निदेशक डॉ. कंवलजीत सिंह ने कहा कि आज कल शूगर एक आम बिमारी हो गई है। प्रत्येक घर में एक सदस्य शूगर की बिमारी से जूझ रहा है। भारत में शूगर के मरीजों का बढ़ना चिंता का विषय है। इसे कम करने के लिए हमें अपनी दिनचर्या को सुधारना होगा। दिन में कम से कम आधा घंटा कसरत करें, सफेद चीनी को बाहर निकाले , फलों अधिक प्रयोग करे, फिजिकली एक्टीविटी अधिक करें, शराब और धुम्रपान का प्रयोग बंद कर दें।

अपना वजन ना बढ़ने दें आदि कुछ ऐसे टिप्स है, जिससे काफी हद तक शूगर पर काबू पाया जा सकता है। अगर आपको फिर भी शूगर की सम्सया है तो तुरंत डाक्टर की सलाह ले और डॉक्टरों के कहे अनुसार दवा ले। डारेक्टर प्रिसीपल डॉ. राजीव अरोडा ने बताया कि डायबिटीज दो प्रकार की होती है टाइप 1 और टाइप 2। उन्होंने बताया कि टाइप 1 में शरीर में इंसुलिन का उत्पादन नहीं होता। इंसुलिन की कमी का परिणाम बल्ड प्रेशर का बढ़ना है।

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इसके लक्ष्ण है बार-बार पेशाब का आना, गला सूखना, अधिक प्यास लगनी, भूख बढ़नी और वजन का घटना। टाउप 2 एक तरह की पुरानी बिमारी है , जिसमें ब्लड प्रेशर अधिक रहता है औऱ इसके साथ-साथ कई अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याए भी होती रहती हैं। इसके लक्ष्ण में बार-बार पेशाब आना, नजर कमजोर होना, हर समय थकान रहना, भूख औऱ प्यास का बढ़ना, घावों का जल्दी ना भरना है।

इस अवसर पर मेडिसन विभाग के डॉ. कुसुम बाली, डॉ. भवनीत कौर, डॉ. अमरजीत सिंह विज, डॉ. जसविंदर कौर, डॉ. तरुणदीप सिंह, सुनील शर्मा, डॉ. एच एल काजल, जसलीन, हड्डियों के विभाग के प्रमुख डॉ. एच.एल संधू, सर्जरी विभाग के डॉ. मंजीत सिंह खालसा ने भी लोगों को जागरुक किया।

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