डेली संवाद, टोरंटो/नई दिल्ली। Canada-India News: कनाडा और भारत के बीच तल्ख रिश्ते पर दोनों देशों के नेताओं की बयानबाजी जारी है। अब भारत के विदेश मंत्रा एस जयशंकर ने फिर कनाडा को खरी खोटी सुनाई है। कनाडा में लगातार खालिस्तानी मूवमेंट के चलते भारत अपना रवैया सख्त अपनाए हुए है।
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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा और अमेरिका के साथ संबंधों में आए तनाव पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इन दोनों देशों के बीच एक बड़ा अंतर समझाते हुए कहा कि कनाडा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर आतंकवादी और चरमपंथी गतिविधियों को उचित ठहराता है, जबकि अमेरिका ऐसा नहीं करता।
खालिस्तानी गुरपतवंत सिंह पन्नू पर बयान
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में एस जयशंकर ने ये बातें कही हैं। आपको बता दें कि पिछले साल नवंबर में एक भारतीय नागरिक पर अमेरिका में खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था।
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या
यह घटनाक्रम कनाडा द्वारा जून में एक अन्य खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय खुफिया एजेंसी का हाथ बताने के 2 महीने बाद आया था। इसके बाद भारत औक कनाडा के बीच लगातार तनातनी का आलम है। दोनों देशों के नेताओं के बयान जारी हो रहे हैं।
अदालत ही यह फैसला कर सकती है
एस जयशंकर ने आतंकी पन्नू के मामले में कहा कि पहले तो यह है कि जब अमेरिकियों को यह लगा कि उनके पास एक मुद्दा है, तो अब केवल अदालत ही यह फैसला कर सकती है कि उनका यह विश्वास मान्य है या नहीं। वे हमारे पास आए और कहा कि देखिए हमारी ये चिंताएं हैं और हम इसे आपके साथ साझा कर रहे हैं और चाहते हैं कि आप पता लगाएं कि क्या हो रहा है। जबकि कनाडाई लोगों ने ऐसा नहीं किया।
अमेरिका और कनाडा के बीच अंतर स्पष्ट
अमेरिका और कनाडा के बीच अंतर स्पष्ट करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि अमेरिका कनाडा के मुकाबले ‘स्वतंत्रता के दुरुपयोग’ पर मजबूत स्थिति रखता है। उन्होंने कहा, ‘दूसरा, अमेरिका अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर इन अलगाववादी, आतंकवादी, चरमपंथी गतिविधियों को उचित नहीं ठहराता है।
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हमने कनाडा के मुकाबले अमेरिका को स्वतंत्रता के दुरुपयोग पर कहीं अधिक कड़ा रुख अपनाते हुए देखा है। कनाडा ने भी कई बार हमारी राजनीति में खुलेआम हस्तक्षेप किया है। हम सभी को पंजाब की घटनाएं याद हैं। मुझे लगता है कि दुनिया में एकमात्र प्रधानमंत्री जिन्होंने सार्वजनिक रूप से इस पर टिप्पणी की वह कनाडाई प्रधानमंत्री थे। मैं कहूंगा कि हमारे यहां सेब और संतरे हैं और मैं दोनों को मिलाऊंगा नहीं।