डेली संवाद, जालंधर। PIMS News: पंजाब इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल साइंसिज (PIMS) में हर साल की तरह इस साल भी कैंसर रोको अभियान के तहत लोगों को जागरुक किया गया। पिम्स के मेडिसन विभाग के प्रो. एंड हैड डा. एन.एस नेकी की ओर से विभाग में मरीज और उनके साथ आए लोगों को जागरुक किया।
कैंसर केयर गैप को कम करें
इस अवसर पर पिम्स के कार्याकारी निदेशक डॉ. कंवलजीत सिंह ने कहा कि इस साल का थीम है, क्लोज द केयर गैप (कैंसर केयर गैप को कम करें) इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य है दुनिया के सभी देशों को कैंसर के खिलाफ एकजुट करना और कैंसर के इलाज और उसकी पहचान को आसान बनाना है।
ये भी पढ़ें: जालंधर में ‘बाप नंबरी, बेटा 10 नंबरी‘
उन्होंने कहा कि भारत में महिलाओं को ब्रेस्ट, फेफड़े, सर्वाइकल और थायरायड पुरुषों में प्रोस्टेट, पेट और लीवर के कैंसर का खतरा ज्यादा है। जितने लोग इसके बारे में सही तरीके से जानकारी ले पाएंगे। उतना ही इसे फैलने से रोका जा सकेगा। इससे मृत्यृ की दरों में भी कमी देखी जा सकेगी।
पिम्स में जागरुकता कार्यक्रमों का सिलसिला जारी
वैश्विक स्तर पर इस दिन सभी सरकारें और संस्थाएं कैंसर के प्रति जागरूक अभियान चलाते हैं ताकि की कैंसर को बढ़ने से रोका जा सके। पिम्स के रेजिडेंट डायरेक्टर अमित सिंह ने अपने संदेश में कहा कि पिम्स में हमेशा इस प्रकार के जागरुकता कार्यक्रमों का सिलसिला जारी रहेगा।
पिम्स में सक्षम डाक्टरों की टीम
उन्होंने आगे कहा कि पिम्स में रियायती दरों पर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिम्स में सक्ष्म डाक्टरों की टीम है जो समय- समय पर लोगों के इलाज के लिए तत्पर रहती है। इसके अलावा जटिल से जटिल ऑपेरशन पिम्स में रियायती दरों पर किए जा रहे है।
एक छत के नीचे सारी स्वास्थ सुविधाएं दी जा रही
उन्होंने कहा कि पिम्स में एक छत के नीचे सारी स्वास्थ सुविधाएं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि कैंसर को लेकर लोगों में जागरुकता लाने के लिए कैंसर जागरुकता दिवस मनाया जाता है। कैंसर की रोकथाम के लिए सबसे अहम रोल हमारे खान-पान में है और दूसरा रोजाना कसरत करना।
45 मिनट करनी चाहिए कसरत
लोगों को अपनी दिनचर्या में हेल्दी फूड को शामिल करना चाहिए और रोज कम से कम 45 मिनट कसरत करनी चाहिए। गायनी विभाग की प्रो. एंड हैड डीन एकेडमिक डॉ. एच.के चीमा ने बताया कि दुनियाभर में महिलाओं में होने वाले कैंसर में ब्रेस्ट कैंसर सबसे पहृले नंबर पर है, इसके बाद सर्वाइकल कैंसर है।
ये भी पढ़ें: जालंधर के Board to Abroad के ट्रेवल एजैंट पर महिला ने लगाए सनसनीखेज आरोप
अगर सही समय पर इसकी पहचान की जाए तो इसका ईलाज किया जा सकता है। सर्जरी विभाग के प्रो. एंड हैड. डा रजनीश कुमार कि आमतौर पर मरीज जब हमारे पास आता तो उसे तीसरी या चौथी स्टेज का कैंसर होता है। जिसका इलाज करना बहुत कठिन हो जाता है।
बच्चों की डाइट पर देना चाहिए ध्यान
बच्चों के विभाग के प्रमुख डॉ. एचएस बैंस ने कहा मां बाप को अपने बच्चों की डाइट पर भी अधिक ध्यान देना चाहिए। क्योंकि हेल्दी डाइट से बच्चों की ग्रोथ भी जल्दी होती है औऱ बिमारियों से लड़ने की शक्ति भी मिलती है।
इस मौके पर मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. पुनीत खुराना, डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. तानिया मोडगिल, नर्सिंग सुपरिटेंडेंट ब्रि. रिटा. राजिंदर कौर नंदा, मैडिसन विभाग के डॉ. कुसुम बाली, डॉ. तरुणदीप सिंह, डॉ. भवनीत कौर, डॉ. अमरजीत विज, डॉ. जसविंदर कौर औऱ डॉ. सुनील शर्मा उपस्थित थे।
बेटी को छेड़ने का प्रयास किया तो अगले चौराहे पर रामनाम सत्य






