डेली संवाद, नई दिल्ली। Dhruv Rathee: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को यूट्यूबर ध्रुव राठी (Dhruv Rathee) का वीडियो रीट्वीट करना उस वक्त महंगा पड़ गया जब उन्होंने वीडियो रीट्वीट किया और उनपर केस दर्ज हो गया। जिसे लेकर अब अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगी है।
ये भी पढ़ें: जालंधर में अग्रवाल ढाबा पर बड़ी कार्रवाई, नोटिस जारी
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी गलती कबूल करते हुए कहा कि उनसे गलती हो गई है उन्होंने जो यूट्यूबर ध्रुव राठी की वीडियो को रीट्वीट किया। जिसे लेकर उन्होंने अब सुप्रीम कोर्ट से माफी मांग ली है।
ये भी पढ़ें – जालंधर में दो पक्षों में खूनी संघर्ष, चली ताबड़तोड़ गोलियां
केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में माना कि यूट्यूबर ध्रुव राठी ने बीजेपी आईटी सेल के बारे में जो वीडियो शेयर किया था, उसे रीट्वीट करना उनकी गलती थी। पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने इसी वीडियो को रीट्वीट करने के लिए दायर आपराधिक मानहानि के मुकदमे में जारी समन को बरकरार रखा था।
2018 में हुआ था केस दर्ज
हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए ही अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अरविंद केजरीवाल द्वारा अपने गलती स्वीकार करने पर सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। केजरीवाल पर यूट्यूबर ध्रुव राठी के वीडियो वाले एक ट्वीट को रीट्वीट करने के मामले में 2018 में यह केस दर्ज हुआ था।
वीडियो में कही गई थीं अपमानजनक बातें
उस वीडियो में विकास सांकृत्यन नाम के व्यक्ति के बारे में अपमानजनक बातें कही गई थीं। दिल्ली हाई कोर्ट ने यह कहते हुए मुकदमा रद्द करने से मना कर दिया था कि ट्वीटर पर केजरीवाल को बड़ी संख्या में लोग फॉलो करते हैं। उन्होंने शिकायतकर्ता के खिलाफ कही गई अपमानजनक बातों की पुष्टि किए बिना उसे रीट्वीट किया और करोडों लोगों तक फैलाया।
वीडियो को साझा करना मानहानि कानून का उल्लंघन- हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने 5 फरवरी के फैसले में कहा था कि कथित रूप से मानहानिकारक वीडियो को साझा करना मानहानि कानून का उल्लंघन माना जाएगा। जर्मनी में रहने वाले सांकृत्यायन ने दावा किया कि राठी ने वर्ष 2018 में ‘भाजपा आईटी सेल पार्ट II’ शीर्षक से एक यूट्यूब वीडियो प्रसारित किया, जिसमें झूठे और मानहानिकारक आरोप थे।