डेली संवाद, नई दिल्ली। Anti-Sleep Pills: बोर्ड्स की परिक्षाएं, बच्चों के लिए काफी तनावपूर्ण होते हैं। तैयारी पूरी करने के लिए बच्चे रात-रातभर जागते हैं। दिनभर स्कूल जानें और पढ़ाई करने के बाद रात को जागना काफी मुश्किल हो जाता है। इसलिए कई बार बच्चे, कुछ दवाइयों की मदद लेते हैं, जिन्हें एंटी-स्लीप पिल्स कहा जाता है।
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हाल ही में एक घटना भी सामने आई है, जिसमें एंटी-स्लीप पिल्स लेने की वजह से दसवीं कक्षा की एक छात्रा को आईसीयू में भर्ती करवाना पड़ा। एंटी स्लीप पिल्स के इस्तेमाल से उसके दिमाग में क्लॉट बन गया था, जिस कारण से उस लड़की के ब्रेन नर्वस में सूजन आ गई थी। इस क्लॉट को हटाने के लिए, उस लड़की की ब्रेन सर्जरी करनी पड़ी।
बिना डॉक्टर की सलाह के एंटी-स्लीप पिल्स का इस्तेमाल
इस घटना के बाद इस ओर लोगों का ध्यान गया कि कई बच्चे बिना किसी डॉक्टर की सलाह के एंटी-स्लीप पिल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। एंटी-स्लीप पिल्स क्या होते हैं और इनका आपके दिमाग पर क्या प्रभाव पड़ सकता है, इस बारे में जानने के लिए हमनें कुछ एक्सपर्ट्स से बात की। आइए जानते हैं, इस बारे में उनका क्या कहना है।
क्या हैं एंटी-स्लीप पिल्स?
मेट्रो ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल की निदेषक और वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट, डॉ. सोनिया लाल गुप्ता और आर्टिमिस अस्पताल, गुरुग्राम और न्यूरोइंटरोइंटरवेंशनल सर्जरी और स्ट्रोक विभाग के प्रमुख डॉ. विपुल गुप्ता ने बताया कि एंटी-स्लीप पिल्स ऐसे ड्रग्स होते हैं, जो ब्रेन स्टिमुलेंट्स होते हैं। इनके इस्तेमाल से नींद दूर करने और थोड़े समय के लिए एलर्ट रहने में मदद मिलती है।
काफी देर तक जागने में मदद मिलती है
इन दवाइयों में ऐसे कंपाउंड्स पाए जाते हैं, जो नींद नहीं आने देते, जिस वजह से काफी देर तक जागने में मदद मिलती है। आमतौर पर, एंटी-स्लीप पिल्स में एंफेटामाइन, कैफीन और मोडाफिनिल जैसे स्टिमुलेंट्स का इस्तेमाल किया जाता है, जिनकी मदद से नींद नहीं आती है। कई लोग बिना किसी डॉक्टर की सलाह के, काफी समय तक जागने के लिए, इन दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है।
इनमें कैफीन सबसे कॉमन है। यह एक माइल्ड स्टिमुलेंट होता है, जो थोड़ी देर के लिए एलर्ट रहने और नींद दूर करने में मदद करते हैं। इसके इस्तेमाल से थकान कम करने में भी मदद मिलती है। यह आमतौर पर कॉफी, चाय, एनर्जी ड्रिंक्स और कुछ दवाइयों में पाया जाता है।
क्या हैं इसके प्रभाव?
एंटी-स्लीप पिल्स के लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म प्रभावों के बारे में बात करते हुए डॉ. सोनिया गुप्ता और डॉ. विपुल गुप्ता ने बताया कि इन दवाइयों का असर कुछ समय के लिए होता है, लेकिन इसका सेहत पर काफी लंबे समय के लिए प्रभाव भी रह सकता है।
बिना डॉक्टर के परामर्श लिए, इन पिल्स के इस्तेमाल से सबसे बड़ी और आम समस्या क्रैश फिनोमेना है। यह आमतौर पर तब होता है, जब इन पिल्स का असर खत्म होने लगता है। इस वजह से बहुत ज्यादा थकान होना, चिड़चिड़ापन और कई बार याददाश्त से जुड़ी परेशानियां भी हो सकती हैं।
ब्लड प्रेशर बढ़ने की वजह से होता है
शॉर्ट टर्म इफेक्ट्स में हार्ट पाल्पिटेशन, जो सामान्यतः ब्लड प्रेशर बढ़ने की वजह से होता है, इनसोम्निया (रात को नींद न आना), जो इन पिल्स के इस्तेमाल से स्लीप साइकिल डिस्टर्ब होने की वजह से होता है। इस कारण से मूड खराब होना और चिड़चिड़ापन महसूस होने की समस्या हो सकती है। इन पिल्स के इस्तेमाल से मितली आना, सिरदर्द, कॉग्नीटिव हेल्थ और सबसे खतरनाक डिपेंडेंसी यानी, शरीर को ठीक से काम करने के लिए इन दवाइयों पर निर्भर होना पड़ता है।
एंफेटामाइन के इस्तेमाल से होने वाले लॉन्ग टर्म इफेक्ट्स में एंग्जायटी, डिप्रेशन, पौरानोइया और साइकोसिस शामिल हैं। एंटी-स्लीप पिल्स के इस्तेमाल से याददाश्त, अटेंशन और यहां तक की रोज के साधारण काम करने में भी समस्या होनी शुरू हो सकती है।
परीक्षा के लिए जागने का कोई समाधान नहीं
डॉ. सोनिया ने कहा कि आजकल बच्चे एंटी-स्लीप पिल्स जैसी दवाइयों का इस्तेमाल बिना किसी डॉक्टर से सलाह लिए कर रहे हैं, ताकि वे एग्जाम के लिए ज्यादा से ज्यादा पढ़ पाएं और सोने में टाइम बरबाद न हो, लेकिन इस वजह से क्रैश इफेक्ट और फोकस व याददाश्त से जुड़ी परेशानियां भी हो सकती हैं। ये परीक्षा के लिए जागने का कोई समाधान नहीं है।
क्या है हेल्दी तरीका?
बच्चों को हमेशा 6-8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि वे अच्छा टाइम टेबल फॉलो करें और हेल्दी डाइट फॉलो करें। नींद पूरी होना इसलिए जरूरी है क्योंकि जब हम सोते हैं, तब हमारा दिमाग हमने जो भी याद किया है, उसे लॉन्ग टर्म मेमोरी में भेजता है। नींद पूरी होने से एलर्टनेस और फोकस दोनों बढ़ता है, जिससे बच्चे एग्जाम में बेहतर परफॉर्म कर सकते हैं।
इसलिए एंटी-स्लीप पिल्स जैसी किसी भी दवाई का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है, ताकि वे यह पता कर सकें कि आपको इन दवाइयों की जरूरत है भी या नहीं।
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इस बारे में डॉ. विपुल गुप्ता ने भी कहा कि देर तक जागने के लिए ड्रग्स या शराब का इस्तेमाल करने से सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ सकते हैं। इस वजह से सेहत से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए अगर आपको अधिक थकान या नींद से जुड़ी कोई परेशानी है, तो खुद से ऐसी खतरनाक दवाइयां लेने के बजाय, किसी डॉक्टर से सलाह लें, ताकि वे इन परेशानियों की जड़ तक पहुंचकर आपकी मदद कर सकें।