डेली संवाद, नई दिल्ली। CAA Notification: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के पहले देश में सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (Citizenship Amendment Act) लागू हो गया है। सरकार ने सोमवार शाम को नोटिफिकेशन जारी कर दिया।
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गृह मंत्री अमित शाह ने 10 फरवरी को कहा था कि लोकसभा चुनाव से पहले देश में सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (CAA) लागू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि CAA देश का एक्ट है, इसे हम यकीनन नोटिफाई करेंगे। इसे चुनाव से पहले नोटिफाई किया जाएगा और चुनाव से पहले इसे लागू भी किया जाएगा। इसे लेकर कोई कन्फ्यूजन नहीं होना चाहिए।
CAA से किसे मिलेगी नागरिकता
CAA के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। इन तीन देशों के लोग ही नागरिकता के लिए आवेदन करने के योग्य होंगे।
CAA भारतीय नागरिकों को प्रभावित नहीं करेगा
भारतीय नागरिकों से इसका कोई सरोकार नहीं है। संविधान के तहत भारतीयों को नागरिकता का अधिकार है। CAA या कोई कानून इसे नहीं छीन सकता।
ऑनलाइन आवेदन करना होगा
आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन रहेगी। आवेदकों को बताना होगा कि वे भारत कब आए। पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज नहीं होंगे, तब भी आवेदन कर पाएंगे। इसके तहत भारत में रहने की अवधि पांच साल से अधिक रखी गई है। अन्य विदेशियों (मुस्लिम) के लिए यह समय अवधि 11 साल से अधिक है।
वेरिफिकेशन की प्रोसेस तय समय में पूरी होगी
नागरिकता के लिए आने वाले आवेदनों की सेंट्रलाइज्ड सिस्टम से प्रोसेसिंग होगी। दस्तावेज की ऑनलाइन जांच और सुरक्षा एजेंसियों की क्लीयरेंस के बाद नागरिकता प्रमाण पत्र जारी होगा। यह पूरी प्रक्रिया पासपोर्ट जारी करने के समान होगी।
सीएए कानून कब पारित हुआ ?
सीएए दिसंबर 2019 में पारित हुआ था और बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी लेकिन इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए। यह कानून अब तक लागू नहीं हो सका है क्योंकि इसके कार्यान्वयन के लिए नियमों को अधिसूचित किया जाना है।
CAA में कौन से धर्म शामिल हैं?
CAA में छह गैर-मुस्लिम समुदायों हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी शामिल हैं। इन्हें केवल भारतीय नागरिकता तब ही मिल सकती है, जब इन्होंने 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में शरण ली हो।
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