डेली संवाद जालंधर। PIMS News: पंजाब इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल साइसिज (PIMS) में विश्व किडनी दिवस और ग्लूकोमा जागरुक सप्ताह संयुक्त रूप से मनाया गया। इस अवसर पर मेडिसन विभाग में मरीजों का शूगर और न्यूरोपेथी टेस्ट किया गया।
इस अवसर पर मेडिसन विभाग के प्रमुख डॉ. एन.एस नेकी ने मरीजों को किडनी से संबंधित बिमारियों औऱ उसके बचाव की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विश्व किडनी दिवस मनाने उद्देश्य किडनी के बारें में जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि किडनी शरीरं में फिल्टर का काम करती है।
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किडनियां खराब होने की सबसे बड़ी वजह है शूगर औऱ ब्लड प्रेशर। उन्होंने कहा कि अकसर लोग हरे, नीले और अलग-अलग रंग की दवाइयां खाते हैं। इन दवाइयों का नाम तो वह नहीं जानते मगर रंगों के हिसाब से दवाइयां खाते हैं। जो कि सीधा किडनियों पर असर करती हैं।
उन्होंने आगे कहा कि दोनों किडनियों के 60 प्रतिशत डैमेज हो जाने के बाद शरीर पर इसके लक्षण नजर आने शुरू होते हैं। उन्होंने इसके बचाव के बारे में बताया कि खूब पानी पिएं। यह किडनी को स्वस्थ रखने का सबसे आम और सरल तरीका है। भरपूर पानी, विशेष रूप से गर्म पानी का सेवन करने से गुर्दे को शरीर से सोडियम, यूरिया और जहरीले पदार्थों को साफ करने में मदद करता है।
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उधर आखों के विभाग की प्रमुख डॉ. तानिया मोडगिल ने कहा कि ग्लूकोमा जागरुकता सप्ताह के प्रति लोगों को जागरुक होना चाहिए। ग्लूकोमा सप्ताह हर साल मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि ग्लूकोमा एक तरह का साइलेंट किलर होता है, जिसका पहले पता नहीं चलता। उन्होंने कहा कि वैसे तो ग्लूकोमा किसी भी उम्र में हो सकता है।
40 साल के बाद आंखों का निरंतर चैकअप करवाते रहे
40 साल के बाद इसका खतरा ओऱ बढ़ जाता है। इसलिए लोगों को 40 साल के बाद अपनी आंखों का निरंतर चैकअप करवाते रहना चाहिए। ग्लूकोमा का सिर्फ एक ही इलाज है कि समय से पहले इस बिमारी को पकड़ा जाए। पिम्स के रेजिडेंट डायरेक्टर अमित सिंह ने कहा कि पिम्स की ओऱ से लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए मेडिकल केंपों के साथ जागरुकता कार्यक्रमों का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।
लोगों को जागरुक करने का उद्देश्य यह है कि लोगों में जितनी जागरुता होगी उतने अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहेंगें। उन्होंने कहा कि पिम्स में रियायती दरों पर लोगों स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है। इस अवसर पर मेडिकल सुपरिटंडेंट डॉ. पुनीत खुराना, नर्सिंग सुपरिटेंडेंट राजिंदर कौर नंदा, सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. रजनीश कुमार के अलावा मेडिसन विभाग, आखों के विभाग औऱ अन्य विभागों के डाक्टर इस अवसर पर मौजूद थे।