डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: जालंधर के माडल टाउन में अवैध बने Square Empire होटल और Deck5 पर नगर निगम के अफसरों की मेहरबानी हो गई है। पहले Deck5 को सील किया गया, फिर उसकी सील खोल दी गई। चर्चा है कि सील खोलने को लेकर दो पार्टियों को चुनावी चंदा मुहैया करवाया गया है। फिलहाल इसकी शिकायत लोकपाल में चल रही है, वहीं अब चुनाव आयोग को शिकायत करने की तैयारी है।
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जानकारी के मुताबिक माडल टाउन में Square Empire होटल और उसके टाप फ्लोर पर बने Deck5 नगर निगम के बिल्डिंग ब्रांच की टीम ने कार्रवाई की थी। नगर निगम की टीम ने Deck5 बार एंड रैस्टोरेंट को सील कर दिया था, जबकि Square Empire होटल को खाली करने के लिए तीन दिन की मोहलत दी गई थी।
Deck5 बार एंड रैस्टोरेंट किसी रसूखदार का बताया जाता है। जिसके संबंध सत्ताधारी नेताओं के साथ दूसरे दलों के प्रमुख नेताओं से भी है। Deck5 बार एंड रैस्टोरेंट सील होने के बाद जालंधर से लेकर चंडीगढ़ से फोन बजने लगे। नगर निगम के कमिश्नर गौतम जैन पर इतना प्रैशर बनाया गया कि उन्हें चार दिन में सील खोलनी पड़ गई।
दो साल पहले एफिडेविट में माना इमारत अवैध
हालांकि Square Empire होटल के मालिकान भूपिंदर सिंह, कुलदीप कौर, प्रभजोत कौर और गुरजीत कौर ने 1 फरवरी 2022 को नगर निगम को एक एफिडेविट देकर माना था कि कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी होने के बाद उन्होंने Square Empire होटल और टाप फ्लोर पर Deck5 बार एंड रैस्टोरेंट का निर्माण गलत हुआ है, इसे ओटीएस आने पर सही करवाया जाएगा। इसके लिए 6 महीने की मोहलत मांगी थी।
फरवरी 2022 से लेकर फरवरी 2024 बीत गई, लेकिन इन दो सालों में बिल्डिंग मालिक ने अवैध Square Empire होटल और Deck5 बार एंड रैस्टोरेंट को न तो गिराया और न ही इस दौरान कोई ओटीएस आई, जिससे अवैध इमारत को रेग्युलराइज करवाया जा सके। यही नहीं, इन दो साल में नगर निगम के अफसरों ने उक्त इमारत पर कोई कार्ऱवाई भी नहीं की।
कऱणप्रीत सिंह ने की है शिकायत
पिछले महीने इसकी शिकायत करणप्रीत सिंह ने नगर निगम के कमिश्नर गौतम जैन से की थी। इसके साथ ही इसकी एक शिकायत लोकपाल से उन्होंने की। इस शिकायत के बाद नगर निगम के कमिश्नर एक्शन में आए और बिल्डिंग ब्रांच को Square Empire होटल और Deck5 पर कार्ऱवाई के निर्देश दिए। इसके बाद Deck5 को सील कर दिया गया।
नगर निगम के कमिश्नर गौतम जैन ने इमारत को सील तो करवा दिया, लेकिन सील खोलने के लिए उनपर राजनैतिक और बड़े अफसरों के फोन आने शुरू हो गए। नतीजन इस अवैध इमारत को चार दिन बाद ही खोल दिया गया। हैरानी की बात तो यह है कि दो-दो मरले के घरों पर कार्रवाई करने वाले और छोटी छोटी दुकानों को सील करवाने वाले निगम अफसर बड़े अवैध निर्माणों के खिलाफ चाहकर भी कार्ऱवाई नहीं कर पा रहे हैं।
चुनावी चंदा लेकर खोली गई सील
फिलहाल शिकायतकर्ता करणप्रीत सिंह ने कहा है कि यह पूरा मामला चुनावी चंदे से प्रेरित है। क्योंकि पहले बिल्डिंग सील करना फिर उस अवैध निर्माण की सील खोलना गलत है। इसकी शिकायत चुनाव आयोग से करेंगे, इसकी निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे। क्योंकि चुनावी सीजन में बिल्डिंग को सील करवाने और उसे खुलवाने के लिए कुछ पार्टियों द्वारा जबरन चुनावी चंदा इकट्ठा किया जा रहा है।
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उधर, इस मसले पर नगर निगम के कमिश्नर समेत बिल्डिंग ब्रांच का कोई भी अफसर बोलने को तैयार नहीं है। क्योंकि सारा मामला राजनैतिक दबाव और चुनावी चंदे से जुड़ गया है। सूत्र बताते हैं कि लोकपाल के बाद अब इस मामले की शिकायत चुनाव आयोग से होने जा रही है।