डेली संवाद, नई दिल्ली। Social Media: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी विज्ञापनों की भरमार रहती हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने जोखिम और बढ़ा दिया है।
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इसे लेकर सरकार ने चेतावनी जारी की है। इसमें उन फर्जी विज्ञापनों को लेकर बताया गया है, जो संभावित रूप से घोटाले को अंजाम देने के लिए डीपफेक और AI टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं।
सोशल मीडिया विज्ञापनों से सावधान
सरकार ने सोशल मीडिया में प्रसारित होने वाले शेयर मार्केट एक्टिविटी, ट्रेडिंग, फ्री टिप्स से जुड़े फर्जी विज्ञापनों से बचने का आग्रह किया है। सरकार ने यूजर्स से कहा है कि ऐसे विज्ञापनों में धोखाधड़ी के लिए डीपफेक वीडियो और फोटोज का इस्तेमाल हो सकता है। इस एडवायजरी में लाल और प्रलोभनों से बचने का आग्रह किया गया है। इसके साथ ही यूजर्स को फ्रॉड से सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
यूजर्स को ज्यादा ब्याज दरों का सामना करना पड़ता
फ्रॉड विज्ञापनों के साथ सोशल मीडिया यूजर्स को निशाना बनाया जा रहा है। साइबर फ्रॉड के लिए अपराधी यूजर्स को फंसाने के लिए अजीबोगरीब स्ट्रेटजी अपनाते हैं। उदाहरण की बात करें तो इनमें लोन ऐप्स, फर्जी विज्ञापन, कम ब्याज दर का वादा करते हैं। इसके बाद यूजर्स को ज्यादा ब्याज दरों का सामना करना पड़ता है।
उदाहरण के लिए
उदाहरण के लिए, ऋण ऐप्स के क्षेत्र में, नकली विज्ञापन अक्सर व्यक्तियों को लुभाने के लिए अविश्वसनीय रूप से कम ब्याज दरों का वादा करते हैं। इसके बाद, अनुमोदन पर, पीड़ितों को शुरुआती वादों के विपरीत, अज्ञात आरोपों और बढ़ी हुई ब्याज दरों का सामना करना पड़ता है।
इतना ही नहीं धोखाधड़ी वाले इन विज्ञापनों में अक्सर असली दिखने वाली वेबसाइट का लिंक दिया जाता है, जिससे यूजर्स को लगे कि वे प्रमाणिक वेबसाइट पर हैं।
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साइबर क्रिमिनल यूजर्स ने फोन नंबर, बैंक डिटेल्स और पासवर्ड जैसे निजी जानकारी मांगते हैं। इस डेटा का यूज स्पैमिंग और धोखाधड़ी के लिए किया जाता है।
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