Bournvita Health Drink: बोर्नविटा जैसे पदार्थ हेल्थ ड्रिंक्स नहीं, सरकार ने कैटेगरी से हटाने को कहा; नोटिफिकेशन जारी

Daily Samvad
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डेली संवाद, नई दिल्ली। Bournvita Health Drink: केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों से बॉर्नविटा (Bournvita) को हेल्दी ड्रिंक कैटेगरी से हटाने के लिए कहा है। इस संबंध में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

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नोटिफिकेशन के मुताबिक सभी ई-कॉमर्स वेबसाइट्स को अपने प्लेटफॉर्म पर बॉर्नविटा समेत सभी पेय पदार्थों को हेल्दी ड्रिंक कैटेगरी से बाहर रखने के लिए कहा है।

क्या है नोटिफिकेशन में

मंत्रालय ने नोटिफिकेशन में कहा- राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) अधिनियम, 2005 की धारा (3) के तहत गठित एक निकाय ने जांच किया। इस जांच में पाया गया कि यह हेल्दी ड्रिंक के परिभाषा के अनुरूप नहीं है।

बता दें कि हेल्दी ड्रिंक को खाद्य सुरक्षा प्रणाली (एफएसएस) अधिनियम 2006 के तहत परिभाषित किया गया है। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सभी ई-कॉमर्स कंपनियों/पोर्टलों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी साइटों/प्लेटफॉर्मों से बॉर्नविटा सहित पेय/पेय पदार्थों को ‘हेल्दी ड्रिंक’ की श्रेणी से हटा दें।

क्या है वजह

इस महीने की शुरुआत में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को डेयरी-आधारित, अनाज-आधारित या माल्ट-आधारित पेय पदार्थों को ‘हेल्दी ड्रिंक’ या ‘एनर्जी ड्रिंक’ के रूप में लेबल नहीं करने का निर्देश दिया था। ऐसा इसलिए है क्योंकि ‘हेल्दी ड्रिंक’ शब्द को देश के खाद्य कानूनों में परिभाषित नहीं किया गया है।

ग्राहकों को गुमराह करने जैसा

FSSAI ने ई-कॉमर्स साइटों को आगाह किया कि गलत शब्दों का इस्तेमाल उपभोक्ताओं को गुमराह कर सकता है। इसलिए इसने सभी ई-कॉमर्स फूड बिजनेस ऑपरेटर्स (एफबीओ) को ऐसे पेय पदार्थों को ‘हेल्थ ड्रिंक्स/एनर्जी ड्रिंक्स’ श्रेणियों से हटाकर या अलग करके सुधार करने की सलाह दी।

एफएसएसएआई ने स्पष्ट किया कि ‘हेल्थ ड्रिंक’ शब्द एफएसएस अधिनियम 2006 या खाद्य उद्योग को नियंत्रित करने वाले इसके नियमों और विनियमों के तहत परिभाषित या मानकीकृत नहीं है। इसके अतिरिक्त ‘एनर्जी ड्रिंक्स’ शब्द को केवल कार्बोनेटेड और नॉन-कार्बोनेटेड पानी-आधारित स्वादयुक्त पेय जैसे उत्पादों पर उपयोग की अनुमति है।

पहले भी ज्यादा शुगर को लेकर बोर्टाविटा को NCPCR भेज चुका है नोटिस

NCPCR ने पिछले साल बॉर्नविटा बनाने वाली कंपनी मोंडेलेज इंटरनेशनल इंडिया लिमिटेड को नोटिस भेजा था। उसमें कहा गया था कि इस प्रोडक्ट में काफी मात्रा में शुगर होने की शिकायत है।

कुछ ऐसे तत्व भी हैं जो बच्चों की सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। लिहाजा कंपनी अपने प्रोडक्ट के सभी भ्रामक विज्ञापनों, पैकेजिंग और लेबल की समीक्षा करे और उन्हें वापस लें।

वर्तमान में एनर्जी ड्रिंक और स्पोर्ट्स ड्रिंक का मार्केट साइज 4.7 बिलियन डॉलर

एक मार्केट स्टडी के अनुसार बताया है कि इंडियन एनर्जी ड्रिंक और स्पोर्ट्स ड्रिंक का वर्तमान में मार्केट साइज 4.7 बिलियन डॉलर है, जो 2028 तक 5.71% की CAGR ग्रोथ के साथ से बढ़ने की उम्मीद है।

क्या चॉकलेट पाउडर डालकर दूध बच्चों को पिलाना हेल्दी है?

बॉर्नविटा सहित अन्य पेय पदार्थों को हेल्थ ड्रिंक्स की कैटेगिरी से हटाने के बाद एक सवाल जो लोगों के मन में है कि क्या चॉकलेट पाउडर डालकर दूध बच्चों को पिलाना हेल्दी है। क्या बच्चों को वाकई इसकी जरूरत होती है, ज्यादा देने से कोई बीमारी तो नहीं होती।

जवाब: एक्सपर्ट के अनुसार, चॉकलेट पाउडर के नुकसान पर कोई खास रिसर्च नहीं हुई। अगर यह पाउडर अच्छी कंपनी ने बनाई है तो उससे ज्यादा नुकसान नहीं है।

  • बड़ी कंपनियां इंटरनेशनल हेल्थ रेगुलेशन को ध्यान में रखकर ही इसे बनाती हैं।
  • हालांकि पेरेंट्स को चॉकलेट पाउडर बच्चों को देते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे- इसे खरीदते वक्त पेरेंट्स को इनके डिब्बे या पैकेट के पीछे लिखे इंग्रेडिएंट्स को ध्यान से पढ़ना चाहिए।
  • बच्चे को एक दिन में कितने बार और किस मात्रा में चॉकलेट पाउडर देना इसकी भी लिमिट तय करनी चाहिए।
  • ऐसा नहीं कि आप कटोरी में बच्चे को चॉकलेट पाउडर खाने को पहले दे दें। फिर उन्हें दिनभर में दो-तीन बार दूध पीने को दें।
  • जितनी बार दूध देंगे उसमें शक्कर डालेंगे जो नुकसान करेगीI साथ अगर आप चॉकलेट पाउडर या दूसरे आर्टिफिशियल फ्लेवर मिला रहे हैं तो उसमें भी चीनी होगी, जो अनहेल्दी है।
  • वैसे भी शक्कर में कार्बोहाइड्रेट होता है, यह बच्चों को नॉर्मल खाने से मिल जाता है, ऐसे में एक्स्ट्रा कार्ब लेने के लिए सप्लिमेंट की जरूरत नहीं।

ज्यादा मीठी चीज खाने-पीने का नुकसान क्या है?

जवाब: इस तरह हो सकता है नुकसान…

  • हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
  • शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। डायबिटीज हो सकती है।
  • अल्जाइमर का खतरा हो सकता है।
  • दांत में कैविटीज की समस्या हो सकती है।
  • चीनी का असर मेंटल हेल्थ पर पड़ता है। इससे याददाश्त पर बुरा असर पड़ता है।
  • चीनी खाने से वाइट ब्लड सेल्स 50 फीसदी तक कमजोर होते हैं। इससे इम्यूनिटी वीक हो जाती है।
  • नॉन अल्कोहल फैटी लिवर की समस्या हो सकती है। इससे लिवर में फैट स्टोर होता है।

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