डेली संवाद, जालंधर। Aaj ka Panchang 04 July 2024: हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस वर्ष 04 जुलाई यानी आज आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि (Shivratri) है। इस शुभ अवसर पर देवों के देव महादेव संग मां पार्वती की पूजा-अर्चना की जा रही है। साथ ही उनके निमित्त व्रत भी रखा जा रहा है।
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इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। ज्योतिषियों की मानें तो मासिक शिवरात्रि पर भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को मनचाहा वर प्राप्त होगा। आइए, पंडित प्रमोद शास्त्री से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं।
आज का पंचांग (Panchang 04 July 2024)
शुभ मुहूर्त: आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 04 जुलाई को सुबह 05 बजकर 54 मिनट तक है। इसके बाद चतुर्दशी तिथि शुरू होगी। मासिक शिवरात्रि पर निशा काल में भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा की जाती है। साधक अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी समय स्नान-ध्यान के बाद भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं।
वृद्धि योग
मासिक शिवरात्रि पर वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 7 बजे से हो रहा है और इसका समापन 05 जुलाई को सुबह 05 बजकर 14 मिनट पर हो रहा है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही दुख, कष्ट और संकट भी दूर होंगे।
भद्रावास योग
मासिक शिवरात्रि पर दुर्लभ भद्रावास योग का भी निर्माण हो रहा है। आज भद्रावास योग संध्याकाल 05 बजकर 23 मिनट तक है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूर्ण होगी। साथ ही आय और सौभाग्य में भी वृद्धि होगी।
पंचांग
सूर्योदय – सुबह 05 बजकर 46 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 07 बजकर 17 मिनट पर
चन्द्रोदय- सुबह 04 बजकर 46 मिनट पर (सुबह 5 जुलाई)
चंद्रास्त- शाम 06 बजकर 07 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 22 मिनट से 05 बजकर 04 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 47 मिनट से 03 बजकर 41 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 07 बजकर 16 मिनट से 07 बजकर 37 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 11 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक
अशुभ समय
राहु काल – दोपहर 02 बजकर 13 मिनट से दोपहर 03 बजकर 54 मिनट तक
गुलिक काल – सुबह 09 बजकर 09 मिनट से 10 बजकर 50 मिनट तक
दिशा शूल – दक्षिण
ताराबल
भरणी, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती
चन्द्रबल
वृषभ, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मीन