डेली संवाद,ओटावा | Canada PEI News : कनाडा में पढ़ाई करने का सपना देखने वाले कई भारतीय छात्रों के लिए प्रिंस एडवर्ड आइलैंड (पीईआई) नाम का प्रांत मुसीबत का सबब बन गया है। पिछले दो महीनों से वहां प्रदर्शन का दौर जारी है, जिसकी वजह बने हैं पीईआई सरकार के नए इमिग्रेशन नियम। इन प्रदर्शनों में सबसे आगे खड़े हैं वो भारतीय छात्र, जिनका भविष्य इन अचानक बदले गए नियमों की वजह से अधर में लटक गया है।
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क्या है पूरा मामला?
पीईआई कनाडा (Canada PEI) का एक खूबसूरत प्रांत है, जो विदेशी छात्रों को आकर्षित करता रहा है। वहां रहने की अपेक्षाकृत कम लागत और आसानी से मिलने वाले रहने की जगह की वजह से कई भारतीय छात्र वहां पढ़ाई के लिए जाते थे। लेकिन हाल ही में पीईआई सरकार ने इमिग्रेशन नियमों में सख्त बदलाव किए हैं। इन बदलावों का सीधा असर वहां पढ़ रहे अंतरराष्ट्रीय छात्रों, खासकर भारतीय छात्रों पर पड़ रहा है।
नए नियमों की छात्रों पर मार
पीईआई सरकार (Canada PEI) ने विदेशी छात्रों को मिलने वाले इमिग्रेशन परमिट की संख्या घटा दी है। इसका सीधा मतलब है कि अब कम विदेशी छात्रों को ही पीईआई में रहने की इजाजत मिलेगी. जो छात्र पहले से ही पीईआई में पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें भी अपने वीजा रिन्यू कराने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं। कई छात्रों के मौजूदा वीजा एक्सपायर हो रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें वापस भारत लौटना पड़ रहा है। इससे उनकी पढ़ाई बीच में रुकने का खतरा पैदा हो गया है।
इन नए नियमों के खिलाफ छात्रों का गुस्सा जायज है। कई छात्रों ने तो पीईआई में रहने की व्यवस्था कर ली है और अब उन्हें अचानक वापस जाना पड़ रहा है। इससे उनका काफी नुकसान हो रहा है। कुछ छात्रों की पढ़ाई पूरी होने वाली है, लेकिन नए नियमों के चलते उन्हें नया वीजा मिलना मुश्किल हो गया है। उनकी मेहनत और पैसा दोनों व्यर्थ जाने का डर बना हुआ है। छात्रों का ये भी आरोप है कि ये नए नियम भेदभावपूर्ण हैं। इससे अंतरराष्ट्रीय छात्रों के साथ अन्याय हो रहा है।
Canada PEI सरकार का तर्क
अपने पक्ष में पीईआई (Canada PEI) सरकार का कहना है कि उन्होंने ये नए नियम इसलिए बनाए हैं क्योंकि हाल के कुछ सालों में पीईआई में रहने वाले लोगों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। इससे वहां के अस्पतालों, स्कूलों और किराए के मकानों पर बोझ बढ़ रहा है। सरकार का मानना है कि नए नियमों से पीईआई के स्थानीय लोगों को ज्यादा नौकरी और पढ़ाई के अवसर मिलेंगे, साथ ही वहां की बुनियादी सुविधाओं पर से भी बोझ कम होगा।